मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा उचित दस्तावेज के बावजूद बेदखल किए गए परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दें : एआईयूडीएफ
असम के मुख्यमंत्री हिंमता बिस्वा सरमा (Photo : ANI)

गुवाहाटी, 30 जुलाई : असम में विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया यूनाटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) से उन परिवारों को उचित मुआवजा देने की अपील की है जिन्हें उचित दस्तावेज होने के बावजूद करीमगंज जिले में अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत बेदखल किया गया है. पार्टी के मुताबिक उसकी तथ्य अन्वेषण टीम ने पाथेरकांडी राजस्व परिक्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया और आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने अवैध कब्जे से बेदखल करने के अभियान को ‘‘ अमानवीय तरीके से’’ अंजाम दिया. पार्टी ने दावा किया कि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति के बीच चलाए गए अभियान में मौलिक प्रक्रिया और मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया.

एआईयूडीएफ की टीम ने लौटकर मुख्यमंत्री सरमा को ज्ञापन सौंपा जिसमें दावा किया गया है कि कई परिवारों को जमीन पर मालिकाना हक होने का वर्षों पुराना पट्टा, आवंटन प्रमाणपत्र और उनके नाम पर पंजीकृत खरीद दस्तावेज होने के बावजूद बेदखल किया गया. टीम के सदस्य ने कहा कि इनमें से अधिकतर लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं. टीम में शामिल विधायक ने कहा, ‘‘अमानवीय बेदखली की कार्रवाई सीधे तौर पर आवास के अधिकार पर हमला है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत मूल अधिकार है.’’ यह भी पढ़ें : Maharashtra: Governor कोश्यारी के बयान से CM शिंदे ने झाड़ा अपना पल्ला, कहा- ‘उन्हें संविधान की नैतिकता के तहत बोलना चाहिए’

उन्होंने कहा कि बेदखली के शिकार कई परिवारों के घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए थे जिन्हें जमींदोज कर दिया गया है. एआईयूडीएफ ने मुख्यमंत्री से अपील की कि जिन परिवारों के पास उचित भूमि दस्तावेज और वैकल्पिक जमीन है, उन्हें दोबारा घर बनाने के लिए उचित मुआवजा दिया जाए और जो वर्षों से सरकारी जमीन पर रह रहे हैं उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देकर दोबारा बसाया जाए. विपक्षी पार्टी ने मुख्यमंत्री से प्रभावित परिवारों का पुनर्वास नहीं होने तक भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य सेवा भी मुहैया कराने की अपील की है.