जयपुर, 17 सितंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति-2022 जारी करेंगे, जिसमें कुल 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 20,000 नई एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने और एक लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।
गहलोत एमएसएमई दिवस पर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में नई नीति जारी करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के साथ-साथ निर्यात में एमएसएमई के योगदान को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एमएसएमई नीति-2022 लेकर आई है।
बयान के मुताबिक इस नीति के माध्यम से प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों के लिए अनुकूल नियामक वातावरण तैयार करने के साथ ही उन्हें अधिक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अनुसार एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लाई जा रही इस नीति में बेहतरीन प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं, नीति में 10 हजार करोड़ रूपये के संचयी निवेश और एक लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन के साथ ही 20 हजार नई एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
बयान के मुताबिक इस नीति में शून्य दोष, शून्य प्रभाव (जेडईडी) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए नौ हजार एमएसएमई उद्यमों को सुविधाएं मुहैया करवाना प्रस्तावित है।
राजस्थान सरकार ने राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-2019 अधिनियम बनाकर एमएसएमई इकाइयों की स्थापना और प्रवर्तन के लिए अनुमोदन और निरीक्षणों में तीन वर्ष की छूट प्रदान की थी। अब राज्य सरकार राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम अधिनियम-2022 में तीन वर्ष की इस अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष करने जा रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-2019 अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य राजस्थान की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का योगदान बढ़ाना था। राज्य सरकार के मुताबिक इस क्षेत्र से प्रदेश में विगत चार वर्ष में 37 लाख 33 हजार 628 लोगों को रोजगार मिला है और जीडीपी में इसका योगदान 24.50 प्रतिशत आंका गया है।
सरकार के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में एमएसएमई उद्योगों का कुल निर्यात 72 हजार करोड़ रूपये का रहा है।
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