रायपुर, 2 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा है उनका राज्य कभी पंजाब नहीं बन सकता है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में एक ही समानता है कि दोनों के नाम नंबर से बने हैं.बघेल ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ ही रहेगा और यह पंजाब नहीं हो सकता है. छत्तीसगढ़ और पंजाब में केवल एक समानता है. दोनों राज्यों का नाम अंक से शुरू होता है. यह :छत्तीसगढ: भी अंक से बना हुआ राज्य है. ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पांच आबों यानी पांच नदियों का है. वहीं 36 गढ़ के नाम से छत्तीसगढ़ बना है. दोनों में समानता केवल यही है कि दोनों राज्य का नाम अंकों से बना हुआ है.बघेल राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और पंजाब में सत्ता को लेकर उथल-पुथल मचा हुआ है.मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायकों का राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में जमावड़े को लेकर कहा, ‘‘विधायक एक—एक कर दिल्ली गए हैं. वहां जाने में कोई पाबंदी नहीं हैं. सभी स्वतंत्र हैं और कहीं भी आ—जा सकते हैं. वह कोई राजनीतिक मूवमेंट नहीं कर रहे है. इसमें किसी को क्या तकलीफ हो सकती है. ’’ यह भी पढ़े: छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के कई विधायक एक बार फिर दिल्ली में, राज्य में चर्चा का दौर
राज्य में इस वर्ष जून माह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यकाल के ढाई वर्ष पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री पद के ढ़ाई—ढाई वर्ष के कथित बंटवारे के फॉर्मूले की चर्चा जोरों पर है. पिछले तीन दिनों के दौरान बघेल के करीबी माने जाने वाले लगभग दो दर्जन विधायक एक बार फिर दिल्ली के दौरे पर हैं और इसी के साथ राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई है.राज्य में कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक विधायक मुख्यमंत्री बघेल के साथ अपनी एकजुटता जताने के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा कर रहे हैं.इससे पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों के दिल्ली दौरे को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी विधायकों के दिल्ली दौरे को तवज्जो नहीं दी थी और कहा था कि इसे कोई मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. सिंहदेव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा हैराज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर सिंहदेव ने दोहराया था कि निर्णय पार्टी आलाकमान के पास सुरक्षित है.नई दिल्ली में मौजूद विधायकों में से एक बृहस्पत सिंह ने बुधवार को कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे से पहले पार्टी के लगभग 16 विधायक राज्य प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं.चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं . जून 2021 में मुख्यमंत्री पद पर बघेल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया था कि आलाकमान ने ढाई—ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति दी थी.
राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था. जब बघेल दिल्ली में थे तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था.दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने संवाददाताओं से कहा था कि पार्टी नेता राहुल गांधी उनके निमंत्रण पर राज्य का दौरा करने के लिए सहमत हुए हैं. बघेल ने यह भी कहा था कि जो लोग ढाई—ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद की बात कर रहे हैं वह राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं.राष्ट्रीय राजधानी में आलाकमान के साथ बैठक के बाद बघेल और सिंहदेव नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ भी कहने से परहेज करते रहे हैं लेकिन राज्य में दोनों गुटों के मध्य विवाद कम नहीं हुआ है.वहीं पंजाब में नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद से कांग्रेस नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ में भी नेतृत्व परिवर्तन के कयास लगाए जा रहे हैं.
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