देश की खबरें | छावला मामला: न्यायालय फैसले पर पुनर्विचार संबंधी याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को कर सकता है विचार

नयी दिल्ली, एक मार्च उच्चतम न्यायालय यहां छावला इलाके में सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के तीन दोषियों को बरी करने के फैसले पर पुनर्विचार के अनुरोध संबंधी पांच याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को विचार कर सकता है।

निचली अदालत ने तीनों को मौत की सजा सुनाई थी और अगस्त 2014 में उच्च न्यायालय ने सजा को बरकरार रखा था। उच्चतम न्यायालय ने तीनों आरोपियों को पिछले साल नवंबर में बरी कर दिया था।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ दो मार्च को अपराह्न 1.50 बजे पांच पुनर्विचार याचिकाओं पर निर्णय ले सकती है।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई कार्य सूची के अनुसार, पुनर्विचार याचिकाओं को बृहस्पतिवार को विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में 19 वर्षीय एक लड़की से सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या किए जाने के मामले में उन तीन दोषियों को बरी करने के अपने फैसले की समीक्षा संबंधी याचिका पर विचार के लिए तीन सदस्यीय पीठ गठित करने पर आठ फरवरी को सहमति जताई थी।

दिल्ली सरकार के अलावा, पीड़िता के पिता, उत्तराखंड बचाओ आंदोलन और उत्तराखंड लोक मंच ने फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है।

गौरतलब है कि तीनों आरोपियों ने लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी।

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