जयपुर, 6 अक्टूबर: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल, डीजल एवं गैस पर से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क तथा उपकर में और अधिक कमी करनी चाहिए जिससे राज्यों का वैट संग्रहण स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा. पेट्रोल-डीजल महंगा होने से सब्जियों के दाम सातवें असमान पर, आम आदमी के किचन से टमाटर-प्याज के गायब होने की आई नौबत
गहलोत का यह बयान मुख्य विपक्षी दल भाजपा की इस मांग पर आया है कि राज्य सरकारों को पेट्रोल एवं डीजल पर वैट घटाना चाहिए.गहलोत ने यहां एक बयान में कहा,‘‘मेरा सुझाव है कि पेट्रोल/डीजल/गैस से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क और उपकर के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकठ्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए उसमें और अधिक कमी करनी चाहिये, जिससे राज्यों का वैट संग्रहण स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा.’’
उन्होंने कहा,‘‘ जैसा पांच रूपये पेट्रोल एवं 10 रूपये डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रूपये का राजस्व कम हो जायेगा. यह ज्ञातव्य है कि इस वर्ष के बजट के वक्त राज्य सरकार द्वारा दो प्रतिशत वैट कम कर देने के कारण 1000 करोड रूपये का राजस्व नुकसान हो चुका है. इस प्रकार 2800 करोड़ रूपये का कुल राजस्व कम होगा. ’’मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ हम केन्द्र सरकार से लगातार पेट्रोल/डीजल की कीमतों पर नियंत्रण एवं कमी करने का आग्रह करते रहे हैं.
अभी चार नवम्बर को केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क को कम करने के निर्णय से राज्य का वैट भी स्वतः पेट्रोल पर 1.8 रूपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 2.6 रूपये प्रति लीटर कम हो गया. इस कमी से राज्य को वैट राजस्व में 1800 करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि हुई है.’’उन्होंने कहा कि साथ ही केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वह तेल कम्पनियों को पाबन्द करे, जिससे पेट्रोल/डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली वृद्धि पर लगाम लगे, अन्यथा पूर्व की भांति दीपावली के बाद पांच राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ शून्य कर देंगी.
मुख्यमंत्री ने बयान में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है, ‘‘ उत्पाद शुल्क से जो हिस्सा सभी राज्य सरकारों को मिलता था, वह केन्द्र सरकार ने पहले से ही कम कर दिया है. साथ ही पहले से ही कोरोना की स्थिति के कारण राज्यों के राजस्व में भारी कमी आ गयी है और राजस्थान राज्य का जीएसटी क्षतिपूर्ति करीब 5963 करोड केन्द्र सरकार द्वारा भुगतान किया जाना बाकी है. ’’उल्लेखनीय है कि राज्य में भाजपा मांग कर रही है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के उत्पाद शुल्क में हाल ही में की गई कमी के बाद राज्य सरकार वैट भी कम करे.
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