जरुरी जानकारी | केंद्र ने राज्यों से एनएमईओ-ओपी के तहत पामतेल खेती के लक्ष्यों को प्राथमिकता देने को कहा

नयी दिल्ली, छह जनवरी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राज्य सरकारों से एनएमईओ-ओपी योजना के तहत बाधाओं को दूर कर और उपलब्ध संसाधनों को जुटाकर पामतेल की खेती के लक्ष्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन - तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) अगस्त, 2021 में शुरू किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य पामतेल का घरेलू उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता को कम करना है। मिशन का लक्ष्य वर्ष 2025-26 तक 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को पामतेल की खेती के अंतर्गत लाना है।

चौहान ने बयान में कहा, ‘‘हालांकि, कुछ क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन अन्य को अपने प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि आवंटित धन का कम उपयोग और वृक्षारोपण लक्ष्यों को प्राप्त करने में देरी, अधिक केंद्रित और समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

चौहान ने राज्यों को बाधाओं को दूर करके और उपलब्ध संसाधनों को जुटाकर अपने वृक्षारोपण लक्ष्यों को प्राप्त करने को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

एनएमईओ-ओपी के तहत पर्याप्त अप्रयुक्त कोष के साथ मंत्री ने राज्यों से बुनियादी ढांचे के विकास, किसान समर्थन और वृक्षारोपण विस्तार के लिए संसाधन उपयोग को बढ़ाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि राज्यों को किसानों की भागीदारी को भी बढ़ाना चाहिए, गलत सूचना जैसी चुनौतियों से निपटना चाहिए और कृषकों की संतुष्टि और निरंतर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सहायता के वितरण में तेजी लानी चाहिए।

पारदर्शिता और दक्षता में सुधार के लिए सरकार ने जियो-मैपिंग और ड्रोन निगरानी के माध्यम से डिजिटल निगरानी जैसी पहल शुरू की है।

मंत्री ने राज्यों से इन उपायों में पूर्ण सहयोग करने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त, बाजार की अस्थिरता जैसी स्थिति के मुकाबले किसानों की सुरक्षा के लिए लाभप्रदता मूल्य (वीपी) तंत्र शुरू किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को किसानों के लिए इस लाभ को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर समय पर हस्ताक्षर सुनिश्चित करना चाहिए।’’

केंद्रीय मंत्री ने खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एकजुट प्रयास के महत्व को दोहराया।

उन्होंने कहा कि मिशन के लक्ष्यों को साकार करने में केंद्र और राज्य सरकारों, कार्यान्वयन एजेंसियों और किसानों के बीच एक मजबूत साझेदारी महत्वपूर्ण होगी।

एनएमईओ-ओपी के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र और अन्य पाम तेल उत्पादक राज्यों की कृषि-जलवायु क्षमता का लाभ उठाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)