नयी दिल्ली, चार दिसंबर केंद्र ने शुक्रवार को राज्य के खाद्य आयोगों (एसएफसी) से कहा कि वे खाद्य कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करते हुए समाज के कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान दें।
एक सरकारी बयान के अनुसार एसएफसी के अनुभव को साझा करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अनिवार्य जिम्मेदारियों के निर्वहन करने में उनके समक्ष आ रही समस्याओं पर ध्यान देने के लिए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे की अध्यक्षता में स्वतंत्र एसएफसी के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
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खाद्य सचिव ने कहा कि खाद्य कानून के लागू होने के साथ लाभार्थियों को कानूनी अधिकार के रूप में खाद्यान्न प्रदान करने के लिए, कल्याण आधारित दृष्टिकोण में एक बदलाव किया गया है।
हालांकि, खाद्य कानून के लागू होने के बाद से बहुत प्रगति हुई है, बहुत सारे काम को अभी अपने दायरे में लिया जाना बाकी है।
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खाद्य कानून के तहत, केंद्र सरकार 80 करोड़ से अधिक की आबादी के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर प्रदान करती है।
सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि एसएफसी को विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी), बगैर आश्रय वाले व्यक्तियों, स्वच्छता कर्मियों जैसे विशिष्ट व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के एसएफसी द्वारा अपने कामकाज पर प्रस्तुतियां दी गईं।
बयान में कहा गया है कि राज्य सरकारों से एसएफसी को मजबूत करने की अपील की जाती है ताकि वे राज्यों के लोगों की सेवा कर सकें।
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