सीबीआई ने सरकारी विज्ञापन पाने के लिए फर्जी प्रसार संख्या दिखाने के आरोप में तीन अखबारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की
सीबीआई (Photo Credits: PTI)

भोपाल, 7 अक्टूबर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फर्जी प्रसार संख्या के आधार पर लाखों रुपए का सरकारी विज्ञापन हासिल करने के मामले में मध्यप्रदेश के तीन अखबार मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इन अखबार मालिकों में दो सिवनी के और एक जबलपुर के निवासी हैं. सीबीआई की वेबसाइट पर अपलोड की गई प्राथमिकी के अनुसार, तीन अखबारों के प्रकाशकों/ मालिकों के खिलाफ चार अक्टूबर को जबलपुर में मामला दर्ज किया गया. शिकायतकर्ता हिमांशु कौशल ने इस साल 13 अगस्त को सीबीआई के जबलपुर कार्यालय में आवेदन देकर इन अखबार मालिकों के खिलाफ आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे.

कौशल ने अपनी शिकायत में कहा कि अखबारों के प्रसार के संबंध में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर इन अखबारों को भारत सरकार की एजेंसी विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) पिछले कई वर्षों से लाखों रुपये के विज्ञापन मिल रहे थे. डीएवीपी अब आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ब्यूरो (बीओसी) के तौर पर जाना जाता है. प्राथमिकी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ये तीनों दैनिक समाचार पत्र छोटी श्रेणी के समाचार पत्र थे लेकिन उन्होंने अपनी फर्जी प्रसार संख्या दिखाकर मध्यम श्रेणी में पंजीकरण करा लिया था. यह भी पढ़ें : Karnataka COVID Update: कर्नाटक के 13 जिलों में 7 दिनों में कोविड से कोई मौत नहीं

इसके पीछे कारण यह है कि छोटे और मध्यम श्रेणी के समाचार पत्रों के लिए विज्ञापन दरें अलग-अलग हैं और मध्यम श्रेणी के लिए बजट का प्रावधान लगभग दोगुना है. सीबीआई ने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोपों में प्रथम दृष्टया आरोपी व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का असली दस्तावेजों के तौर पर इस्तेमाल करने और आपराधिक कदाचार के उद्देश्य से जालसाजी के संज्ञेय अपराधों का खुलासा किया गया है. इसलिए आरोपियों के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की जाती है.