नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) से पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एनएसई में ‘‘को-लोकेशन’’ सुविधा के कथित दुरुपयोग को लेकर जारी जांच से जुड़े नये तथ्यों के प्रकाश में आने पर यह पूछताछ की गई. Chitra Ramkrishna: एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के आवास पर आईटी का छापा
जांच एजेंसी ने रामकृष्ण, एक अन्य पूर्व सीईओ रवि नारायण और पूर्व समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ भी जारी किया है, ताकि उन्हें देश छोड़ कर भागने से रोका जा सके.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने स्टॉक मार्केट में जल्द पहुंच बनाकर लाभ अर्जित करने के लिए एनएसई की ‘‘को-लोकेशन’’ सुविधा का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक एवं प्रवर्तक संजय गुप्ता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
जांच एजेंसी, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और एनएसई, मुंबई के अज्ञात अधिकारियों तथा अन्य के खिलाफ जांच कर रही है. सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि निजी कंपनी के मालिक एवं प्रवर्तक ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश कर एनएसई के सर्वर का दुरुपयोग किया. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि एनएसई, मुंबई के अधिकारियों ने वर्ष 2010 से 2012 के दौरान ‘‘को-लोकेशन’’ सुविधा का दुरुपयोग करके उस कंपनी को अनुचित पहुंच उपलब्ध कराई.
सीबीआई के मुताबिक इस अनुचित पहुंच का इस्तेमाल कर उक्त कंपनी स्टाक एक्सचेंज के सर्वर में सबसे पहले लॉगइन करने में सक्षम हो गई, जिससे उसे अन्य ब्रोकर से पहले डाटा हासिल करने में मदद मिली.
रामकृष्ण का नाम उस वक्त सुर्खियों में रहा, जब 11 फरवरी को सेबी ने कहा कि उन्होंने हिमालय में विचरण करने वाले एक योगी के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यन को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया.
सेबी ने रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यन की मुख्य रणनीतिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति और फिर समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक के सलाहकार के तौर पर उनकी पुन: नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि नारायण और सुब्रमण्यन पर दो-दो करोड़ रुपये तथा मुख्य नियामक एवं शिकायत अधिकारी वी आर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
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