देश की खबरें | असम विधानसभा में पेश होगा मवेशी सरंक्षण विधेयक

गुवाहाटी, आठ जुलाई असम मंत्रिमंडल ने 12 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के बजट सत्र में मवेशी सरंक्षण विधेयक को पेश करने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका ने बृहस्पतिवार को दी।

जल संसाधन मंत्री हजारिका ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूदा ‘‘ असम मवेशी संरक्षण कानून-1950’’ को रद्द करने और इसके स्थान पर आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में ‘‘ असम मवेशी सरंक्षण विधेयक-2021’’ पेश करने को मंजूरी दी गई।

राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी 22 मई को 15वें असम विधानसभा के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रस्तावित विधेयक का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि ‘‘ इसके प्रति शून्य बर्दाश्त की नीति अपनाई जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

हजारिका ने बताया, ‘‘प्रस्तावित विधेयक में राज्य से बाहर मवेशियों को ढोने पर पूर्ण रोक का प्रावधान होगा। सरकार ने उन अधिकारियों के मुकदमे का पूरा खर्च वहन करने का फैसला किया है जिन्हें सीमा की सुरक्षा के लिए की गई उनकी कार्रवाई की वजह से मुकदमों का सामना करना पड़ता है।’’

मंत्रिमंडल ने जनजातीय जिलों कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुड़ी में वर्ष 2003 से पहले से रह रहे गोरखा समुदाय को ‘संरक्षित श्रेणी’ में सूचीबद्ध करने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने सदिया जनजातीय पेटी में रहने वाले मोरान, मटक, अहोम, सूतिया और गोरखा समुदाय को भी ‘‘सरंक्षित श्रेणी के व्यक्ति’ की सूची में रखने का फैसला किया है।

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