मुंबई, 3 सितंबर : दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पाया गया कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप सी.1.2 वायरस के पहले के स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है. संक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल के सदस्य डॉ. वसंत नागवेकर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.
डॉ नागवेकर ने कहा कि कोरोना वायरस के नये स्वरूप की उत्परिवर्तन दर वायरस के अन्य स्वरूपों के मुकाबले दोगुणा अधिक है. हालांकि, उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के बारे में अभी बहुत कम जानकारी ही उपलब्ध है और इसके विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है. यह भी पढ़ें : गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला- COVID-19 के कारण भारत में फंसे विदेशियों का VISA 30 सितंबर तक बढ़ाया
डॉ नागवेकर ने एक वक्तव्य में कहा, "सार्स-कोव-2 वायरस के एक नये स्वरूप सी.1.2 की दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पहचान की गयी है. इसको लेकर चिंता जताई जा रही है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है. कोरोना वायरस का यह स्वरूप पहले पाए गए अन्य स्वरूपों की अपेक्षा अधिक तेज गति से उत्परिवर्तन करता है."