नयी दिल्ली, पांच फरवरी विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और दिल्ली के कई सीमा क्षेत्रों में चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा लगातार चौथे दिन लोकसभा में छाया रहा और इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को एक बार स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सदन में किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। राज्यसभा में पिछले कुछ दिनों से कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। हालांकि लोकसभा में चर्चा को लेकर गतिरोध कायम है जिसकी वजह से पिछले चार दिनों में सुचारू कामकाज नहीं हो सका है।
निचले सदन में कृषि कानूनों एवं किसानों के विषय पर चर्चा को लेकर कांग्रेस एवं कुछ विपक्षी दलों ने आक्रामक रूख अपनाया हुआ है। शुक्रवार को लगातार चौथे दिन अपराह्न चार बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस और द्रमुक समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, सपा और बसपा के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े नजर आए जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी में हिस्सा नहीं लिया ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीके से संबंधित कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
बिरला ने देश में कोरोना वायरस का टीका तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दते हुए कहा, ‘‘मैं अपने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतने कम समय में टीका तैयार किया और पूरे विश्व में देश का नाम रोशन किया।’’
इस दौरान विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही।
बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना वायरस टीके पर बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है।
उन्होंने कहा कि सरकार जवाब देना चाहती है और सदस्य कृपया सहयोग करें। बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण काल होता है और इसमें सदस्य जनता के मुद्दे उठाते हैं।
स्थिति ज्यों की त्यों बने रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ने करीब चार बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही शाम छह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
शाम छह बजे कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही।
शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाए।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अगले सप्ताह की बैठकों में प्रस्तावित विधायी कामकाज की जानकारी दी।
अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया।
हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि बुधवार को संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उन्हें धन्यवाद देना हमारा संवैधानिक दायित्व है।
उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और उनकी विपक्षी दलों के नेताओं से इस संबंध में बात हुई थी और सहमति बनी थी। विपक्षी दलों के नेताओं को उसके अनुसार ही आचरण करना चााहिए।
लोकसभा के कामकाज की सूची में शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज के तहत सदस्यों द्वारा निजी विधेयक पेश करना सूचीबद्ध था लेकिन हंगामे के कारण गैर सरकारी कामकाज भी नहीं हो सका।
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