तुर्की (Turkey) के गृह मंत्री सुलेमान सोयलु (Süleyman Soylu) ने बुधवार को कहा कि यूनान से लगी सीमा के पास भीषण ठंड में जान गंवाने वाले 12 शरणार्थियों (Refugee) के शव बरामद किए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यूनान के सीमा रक्षकों ने इन लोगों को वापस भेज दिया था. शरणार्थी अपने बच्चों के लिए खुद से बेहतर जिंदगी चाहते हें
सोयलु ने ट्वीट कर बताया कि ये 12 लोग उन 22 शरणार्थियों में थे जिन्हें यूनान के सीमा प्रहरियों ने वापस तुर्की भेज दिया था. उन्होंने कहा कि तुर्की और यूनान के बीच इप्साला सीमा से ये शव बरामद किए गए. मृतकों के पैर में जूते भी नहीं थे और वे ‘निर्वस्त्र’ पाए गए.
मंत्री ने और विवरण नहीं दिया, लेकिन बरामद किए गए शवों में से आठ की कुछ धुंधली तस्वीरें साझा कीं. इनमें से तीन व्यक्ति कपड़े पहने हुए थे.
सोयलु ने यूनान सीमा रक्षकों पर शरणार्थियों के प्रति ‘क्रूर’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने यूरोपीय संघ (ईयू) पर भी ‘बेबस, कमजोर और अमानवीय रुख’ अपनाने का आरोप लगाया.
यूनान से लगी सीमा के पास स्थित एडिरने प्रांत के गवर्नर कार्यालय ने कहा कि अधिकारियों ने बचाव के बाद एक शरणार्थी को अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसकी मौत हो गई.
तुर्की अपने पड़ोसी देश यूनान पर यूरोप जाने के इच्छुक शरणार्थियों को अवैध रूप से वापस भेजने का आरोप लगाता रहा है. यूनान ने आरोप से इनकार किया है. यूरोपीय संघ के देशों में बेहतर जीवन की तलाश में मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीका के शरणार्थियों के लिए तुर्की एक प्रमुख ‘क्रॉसिंग पॉइंट’ है. तुर्की में सीरिया से आए करीब 37 लाख लोगों ने भी पनाह ले रखी है.
अधिकतर लोग या तो उत्तर-पूर्वी सीमा पार करके या पूर्वी एजियन सागर द्वीपों की ओर जाने वाली नौकाओं के जरिए यूनान में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं.
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