देश की खबरें | भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल को उनकी घोषित योजनाओं को लागू करने की चुनौती दी

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित ‘‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’’ को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ‘‘तुष्टिकरण’’ का कदम बताते हुए इसकी आलोचना की।

नयी दिल्ली की सासंद बांसुरी स्वराज ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केजरीवाल को ‘‘महिला सम्मान योजना’’ सहित उनके द्वारा घोषित योजनाओं को लागू करने की चुनौती दी और कहा कि फिलहाल राजधानी में कोई आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है।

केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा था कि यदि फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में ‘आप’ दोबारा से सत्ता में लौटती है तो सभी हिंदू मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये मानदेय दिया जाएगा।

बांसुरी ने कहा कि आप सरकार फंड की कमी के कारण महीनों से मस्जिदों के इमामों को 18,000 रुपये का भुगतान नहीं कर पाई है और फिर भी केजरीवाल चुनाव से ठीक पहले पुजारियों और ग्रंथियों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि पिछले 10 वर्षों में पुजारियों और ग्रंथियों को कोई मानदेय क्यों नहीं दिया गया?

बांसुरी ने आरोप लगाया कि अब चुनाव के समय वह उन्हें ‘छलपूर्वक’ मानदेय देने का वादा कर रहे हैं।

स्वराज ने कहा कि केजरीवाल केवल चुनाव के लिए ही पुजारियों और ग्रंथियों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सालों से केजरीवाल ने धर्म या धार्मिक स्थलों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया है, लेकिन अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वे पुजारियों और ग्रंथियों पर ध्यान दे रहे हैं। इससे सवाल उठता है कि दूसरे समुदायों के पादरियों और पुजारियों को क्यों नजरअंदाज किया गया है।’’

बांसुरी ने केजरीवाल सरकार की प्राथमिकताओं में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पहले स्कूलों का वादा किया गया था, लेकिन अब ध्यान कहीं और चला गया। अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो मंदिर अचानक केंद्र में आ गए हैं। यह एक सोची-समझी रणनीति को दर्शाता है।’’

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