नयी दिल्ली, चार अक्टूबर कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ‘अंकटाड’ द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का पूर्वानुमान जताए जाने के बाद मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपनी नीतियों के चलते अर्थव्यवस्था के पहिये को जाम कर दिया है, जिससे विकास दर गिर रही है।
पार्टी प्रवक्ता अंशुल अविजित ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट की एजेंसी ने भारत के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर को लेकर पूर्वानुमान में कटौती की है। उसने अपने पूर्वानुमान को 8.2 प्रतिशत से घटाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया है। उसने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर और घट जाएगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में भी पूर्वानुमान में कटौती की गई है। इससे स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मायूसी का माहौल है, उम्मीद कम है।’’
अविजित का कहना था, ‘‘ पिछले साल हमारी जीडीपी में 50 फीसदी योगदान निर्यात का था। अगर वह कम होता है, तो जीडीपी का आंकड़ा भी कम होगा। इसलिए अब जीडीपी वृद्धि दर के पूर्वानुमान में कटौती हुई है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिए बार-बार वैश्विक आर्थिक संकट को जिम्मेदारी बताती है। उसका कहना है कि आर्थिक समस्याओं के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। सच्चाई है कि इस सरकार ने अर्थव्यवस्था के पहिये को जाम कर दिया है।’’
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंकटाड ने कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल घटकर 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जबकि 2021 में यह 8.2 प्रतिशत रही थी। उसने आर्थिक वृद्धि दर में कमी के लिये कर्ज की ऊंची लागत और कमजोर सार्वजनिक व्यय का हवाला दिया।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) की इस साल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2023 में और घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ जाएगी।
हक
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