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- इस्राएल-हमास के बाद थाईलैंड-कंबोडिया के बीच समझौता करवाएंगे ट्रंप
- आईपीएस सुसाइड केस: हरियाणा डीजीपी छुट्टी पर भेजे गए
- भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा गूगल, डेटा सेंटर और एआई हब बनाएगा
इस्राएल-हमास के बाद थाईलैंड-कंबोडिया के बीच समझौता करवाएंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 26 अक्टूबर को मलेशिया का दौरा करेंगे. मलेशियाई विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ट्रंप, दक्षिण-पूर्व एशिया के पड़ोसी देशों- थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम समझौते के गवाह बनने के लिए “उत्सुक” हैं. 26 से 28 अक्टूबर के बीच मलेशिया की राजधानी कुआलालांपुर में आसियान शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.
थाईलैंड और कंबोडिया की 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर कुछ जगहें ऐसी हैं, जिन्हें लेकर विवाद है. इसी साल जुलाई में दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि इसने पांच दिन तक हिंसक संघर्ष का रूप ले लिया. इस हिंसा में कम से कम 48 लोगों की मौत हुई और लाखों लोग अस्थायी रूप से विस्थापित हो गए.
मोहम्मद हसन ने मीडिया को बताया, “हमें उम्मीद है कि सम्मेलन के दौरान इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति और स्थायी युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर होंगे, जिसे कुआलालंपुर समझौता कहा जाएगा.”
हसन ने कहा कि मलेशिया और अमेरिका, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक व्यापक युद्धविराम तय करवाएंगे, जिसके तहत दोनों पक्षों को अपनी सीमाओं से सभी बारूदी सुरंगों और भारी तोपों को हटाना होगा. आसियान शिखर सम्मेलन में संगठन के सभी 10 सदस्य देशों और उनके चीन, जापान, रूस, भारत और अमेरिका जैसे व्यापारिक साझेदार देशों के नेता भाग लेंगे.
भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा गूगल, डेटा सेंटर और एआई हब बनाएगा
दिग्गज टेक कंपनी गूगल भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में 15 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है. राज्य के अधिकारियों ने बताया कि गूगल इस निवेश से राज्य में एक बड़ा डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब बनाएगा. यह भारत में गूगल का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. हालांकि, पहले आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने 10 अरब डॉलर के निवेश का अनुमान लगाया था.
गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि यह डेटा सेंटर 12 विभिन्न देशों में बनाए जा रहे एआई सेंटरों के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है. उन्होंने कहा, यह सबसे बड़ा एआई हब है, जिसमें हम अमेरिका के बाहर दुनिया में कहीं भी निवेश करने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए पांच सालों में 15 अरब डॉलर का पूंजीगत निवेश किया जाएगा.
गूगल अपना डेटा सेंटर तटीय शहर विशाखापट्टनम में बनाएगा, जिसकी शुरुआती क्षमता 1-गीगावॉट की होगी, लेकिन बाद में उसकी क्षमता को कई गुना बढ़ाया जाएगा. राज्य सरकार को इस निवेश से 1.88 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “डेटा नया तेल है और डेटा सेंटर नई रिफाइनरी हैं.”
यह घोषणा तब हुई है, जब एआई के क्षेत्र में टेक कंपनियों के बीच भीषण प्रतिस्पर्धा चल रही है. माइक्रोसॉफ्ट और अमेजॉन पहले ही भारत में डेटा सेंटर बनाने के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर चुकी हैं. भारतीय अरबपति गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी भी डेटा सेंटरों में निवेश कर रहे हैं. ओपनएआई ने भी भारत में अपना ऑफिस खोलने की बात कही है.
सात अरब यूरो की बख्तरबंद गाड़ियां खरीदेगा जर्मनी
जर्मन सरकार लगभग सात अरब यूरो की लागत से 424 नई बख्तरबंद गाड़ियां खरीदेगी. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के देखे वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक, यह पहियों वाले बख्तरबंद वाहन होंगे. संसद के निचले सदन- बुंडेसटाग की बजट समिति आने वाले कुछ दिनों में देश की सेना (बुंडेसवेयर) के लिए इस रक्षा समझौते को मंजूरी देने वाली है.
बुंडेसवेयर समझौते का सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिकी डिफेंस ग्रुप जनरल डायनेमिक्स के साथ लगभग 3.5 अरब यूरो का एक अनुबंध होगा, जिसके तहत 274 टोही वाहनों को खरीदा जाएगा. इनकी पहली खेप 2028 तक डिलीवर करने की योजना है.
दूसरे प्रोजेक्ट में लगभग 3.4 अरब यूरो की लागत से 150 बख्तरबंद इंफेंट्री वाहन- ‘शकाल’ की खरीद शामिल है. इन लड़ाकू वाहनों की डिलीवरी 2027 से 2031 के बीच होने की योजना है. भविष्य में ‘शकाल’ लड़ाकू गाड़ियों की खरीद को और बढ़ाया जा सकता है और 200 अतिरिक्त गाड़ियों की खरीद की जा सकती है.
स्वैच्छिक सैन्य सेवा की वापसी के लिए जर्मनी तैयार
प्रियांक खड़गे बोले, छोटे बच्चों के दिमाग में जहर भर रहा आरएसएस
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) पर “छोटे बच्चों के दिमाग में जहर भरने” का आरोप लगाया है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, “बीजेपी नेताओं के बच्चे आरएसएस शाखाओं में क्यों नहीं जाते. वे गौरक्षक और धर्मरक्षक क्यों नहीं बनते. वे गौमूत्र क्यों नहीं पीते.”
दरअसल, प्रियांक खड़गे ने सोमवार को मांग की थी कि कर्नाटक में आरएसएस को अपनी गतिविधियों के लिए सार्वजनिक स्थलों का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि आरएसएस को सिर्फ निजी जगहों पर अपनी गतिविधियां करने की अनुमति होनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया को पत्र भी लिखा था.
सिद्धारमैया ने इस मामले पर रिपोर्टरों से कहा, “आरएसएस अपनी गतिविधियों के लिए सरकारी स्थलों का इस्तेमाल कर रहा है. मंत्री प्रियांक खड़गे ने एक पत्र लिखकर कहा है कि चूंकि यह तमिलनाडु में प्रतिबंधित है, इसलिए यहां भी इस पर बैन होना चाहिए. मैंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी स्थलों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में तमिलनाडु द्वारा उठाए गए कदमों पर विचार करें और उसकी समीक्षा करें.”
आईपीएस सुसाइड केस: हरियाणा डीजीपी छुट्टी पर भेजे गए
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में आरोप लगने के बाद हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश सिंह को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
वाई पूरन कुमार ने कथित तौर पर 7 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी. एएनआई के मुताबिक, मौके से उनका सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने डीजीपी कपूर समेत आठ पुलिस अधिकारियों पर “जातिगत-भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” के आरोप लगाए थे. इसके बाद, पूरन कुमार की पत्नी व आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने डीजीपी कपूर समेत कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी.
अभी तक पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हो सका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके परिवार की मांग है कि डीजीपी कपूर को हटाने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पोस्टमार्टम हो सकेगा. केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले 13 अक्टूबर को पूरन कुमार के परिवार से मिलने गए थे और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए मनाने की कोशिश की थी.
ट्रंप ने की 'मध्य-पूर्व में शांति' की घोषणा, गाजा संघर्ष विराम समझौते पर हुए दस्तखत
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस्राएल और हमास के बीच गाजा पट्टी में युद्धविराम की अपनी योजना पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करते हुए “मध्य पूर्व में शांति” की घोषणा की. सोमवार, 13 अक्टूबर को ट्रंप ने कहा, “हमने मिलकर वह हासिल किया है जिसे हर कोई असंभव कहता था.” उनके साथ मिस्र, कतर और तुर्की के शीर्ष नेता मौजूद थे, जिन्होंने इस समझौते में बहुत अहम भूमिका निभाई है.
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने गाजा में युद्धविराम लागू करवाने के लिए ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि यह समझौता “मानव इतिहास के एक दर्दनाक अध्याय को बंद करता है और क्षेत्र के लिए शांति व स्थिरता के एक नए युग की शुरुआत करता है.” अल-सीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को मिस्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा भी की.
सीसी ने कहा, “मिस्र, आने वाले दिनों में संयुक्त राज्य अमेरिका और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण की बुनियाद रखने के लिए काम करेगा और हमारा इरादा जल्द ही एक रिकवरी, पुनर्निर्माण और विकास सम्मेलन आयोजित करने का है.” अल-सीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से इस संभावित सम्मेलन का समर्थन करने का आग्रह किया है.
ट्रंप वैश्विक नेताओं से कह चुके हैं कि “पुनर्निर्माण शायद सबसे आसान हिस्सा होने वाला है.” सोमवार को शर्म अल-शेख में ट्रंप ने कहा, “हमें दुनिया में किसी से भी बेहतर तरीके से निर्माण करना आता है.” युद्ध के बाद की विश्व बैंक और मिस्र की योजनाओं के अनुसार, गाजा में पुनर्निर्माण की लागत 53 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती है.












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