कोलकाता, 12 दिसंबर कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो स्टेशन के ‘हावड़ा मैदान से सेक्टर पांच’ खंड के लिए संचार-आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग का कार्य रविवार को शुरू हो गया। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
कोलकाता मेट्रो की यह पहल हावड़ा को सियालदह से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
हावड़ा और सियालदह पूर्व रेलवे के दो सबसे व्यस्त स्टेशन हैं।
उन्होंने बताया, “हमने आखिरकार बोबाजार सुरंग संकट से उत्पन्न चुनौतियों को कम कर दिया और सियालदह व एस्प्लेनेड मेट्रो स्टेशनों को सफलतापूर्वक जोड़ दिया। एल्युमीनियम थर्ड रेल से संबंधित विद्युत कार्य भी पूरा होने के करीब हैं और तीसरी रेल को चार्ज करने से पहले वैधानिक ईआईजी निरीक्षण के लिए विद्युत निरीक्षक से संपर्क किया गया है।”
अधिकारी ने बताया कि कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) ने दो रविवार (12 और 19 जनवरी) को यातायात पूर्ण रूप से बंद करने की मांग की थी, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो को ग्रीन लाइन के नाम से भी जाना जाता है।
इस कार्य के पूरा होने से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों का लिए लगभग डेढ़ घंटा बचेगा।
मौजूदा समय में यात्रियों को भीड़भाड़, धीमी गति वाली बसों या प्रदूषण पैदा करने वाली टैक्सियों में हावड़ा और सियालदह के बीच सफर करना पड़ता है।
अधिकारी ने बताया कि केएमआरसीएल ने आठ फरवरी से 24 मार्च तक ग्रीन लाइन सेवा को पूरी तरह बंद करने का अनुरोध किया है, हालांकि अब तक इस मांग को मंजूरी नहीं मिली है।
मेट्रो रेलवे के एक अभियंता ने बताया, “कोलकाता मेट्रो रेलवे की ग्रीन लाइन पहला कॉरिडोर है, जहां सुरक्षित और स्वचालित ट्रेन परिचालन के लिए सीबीटीसी सिग्नलिंग प्रणाली शुरू की गई है।”
वर्तमान में कोलकाता मेट्रो ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर दो भागों में सेवाएं संचालित करती है। पहली ग्रीन लाइन-1 (सॉल्ट लेक सेक्टर वी से सियालदाह तक) और ग्रीन लाइन-2 (एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान तक)।
पांच वर्ष पहले बोबाजार में भूस्खलन के कारण सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच संपर्क टूट गया था, जिससे सुरंग निर्माण का काम प्रभावित हुआ था, लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर में इसे ठीक कर लिया गया।
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