मंगलदाई (असम), 11 दिसंबर असम के दरांग जिले में नैतिकता का पाठ पढ़ाने (मोरल पुलिसिंग) से जुड़े एक मामले में एक महिला को सलवार-कमीज पहनने पर सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है । अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जिला उपायुक्त कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, यह घटना हाल ही में सिपाझार राजस्व क्षेत्र के गोंगाजानी कुवोरी गांव में हुई।
अधिकारी ने बताया कि पीड़ित महिला मेघाली दास ने बुधवार को पुलिस और नागरिक प्रशासन के पास शिकायत दर्ज कराई और अधिकारियों के मामले की जांच के लिए बृहस्पतिवार को गांव का दौरा करने की संभावना है।
महिला ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘सलवार-कमीज पहनने के कारण मुझे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है और 5,000 रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है... मैं एक छोटी सी दुकान चलाती हूं और चूंकि मुझे बाजार से सामान लाना होता है, इसलिए मैं मेखेल-साडोर (पारंपरिक असमिया पोशाक) या साड़ी की बजाय सलवार पहनना पसंद करती हूं।’’
दास ने बताया कि गांव वालों ने उनके सलवार-कमीज पहनने पर आपत्ति जताई और रविवार को स्थानीय मंदिर परिसर में स्वयंभू अदालत लगाकर यह फैसला सुनाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें गांव में दूसरे लोगों के घर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। मेरे तीन बच्चों को दुकानों पर जाने से मना किया गया है, दूसरे गांव वालों से मिलने की तो बात ही छोड़िए। गांव वालों ने भी अपने बच्चों से स्कूल में मेरे बच्चों से बात नहीं करने को कहा है।’’
गांव वालों के इस फैसले के बावजूद, पीड़ित महिला ने सलवार-कमीज पहनने का फैसला किया है, क्योंकि यह उसके काम के लिए सुविधाजनक है।
इस बीच, ग्रामीणों ने स्वीकार किया कि दास के खिलाफ सलवार-कमीज और जींस पहनने के लिए जुर्माना लगाया गया था, लेकिन आरोप लगाया कि महिला कई अवैध गतिविधियों में भी शामिल थी, जिसमें उसकी दुकान पर नकली सोना और अवैध रूप से बोतलबंद शराब बेचना भी शामिल है।
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