नयी दिल्ली/लेह, चार सितंबर भारतीय ड्रोन उद्योग 17-18 सितंबर को लद्दाख में होने वाले एक कार्यक्रम में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना के लिए अपने ड्रोन समाधानों की क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ‘हिम-ड्रोन-ए-थॉन 2’ को 4000-5000 मीटर की ऊंचाई पर ‘‘वास्तविक क्षेत्र और पर्यावरणीय स्थितियों’’ के तहत आयोजित करने की योजना बनाई गई है जिसकी मेजबानी भारतीय सेना करेगी।
सेना ने कहा कि इसके बाद 20-21 सितंबर को ‘हिमटेक-2024’ आयोजित किया जाएगा।
इसने कहा कि ‘हिमटेक 2024’ पहली बार लेह में आयोजित किया जा रहा है, ताकि उत्तरी सीमाओं पर अभियानगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी और एक प्रणाली के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
सेना डिजाइन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल सीएस मान ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली ऊंचाइयों से लेकर विषम हिमालय तक तैनात है, जहां उसके सैनिकों को रोजाना ‘‘बेहद अलग तरह की कठिनाइयों’’ का सामना करना पड़ता है।
‘हिम-ड्रोन-ए-थॉन 2’ लेह के पास वारी ला में आयोजित किया जाएगा।
इसे भारतीय ड्रोन उद्योग के वास्ते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेना के लिए ‘‘ड्रोन समाधानों की क्षमताओं को प्रदर्शित करने’’ के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 25 से अधिक ड्रोन निर्माता कंपनी ने इस आयोजन में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है और सभी कंपनी अपनी उपयुक्तता और क्षमताओं को साबित करने के लिए अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बहुआयामी प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी।
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