जरुरी जानकारी | आर्सेलरमित्तल का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत घटकर 90 करोड़ डॉलर पर

नयी दिल्ली, दो मई वैश्विक इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल का 31 मार्च को समाप्त पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत घटकर 90 करोड़ डॉलर रहा है। कंपनी ने पिछले साल की समान अवधि में एक अरब डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया था।

लक्ज़मबर्ग स्थित आर्सेलरमित्तल दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील व खनन कंपनी है। यह जनवरी-दिसंबर वित्त वर्ष का अनुसरण करती है।

कंपनी ने कहा कि तिमाही के अंत में उसका ‘‘ शुद्ध ऋण 4.8 अरब डॉलर रहा, जो 31 दिसंबर, 2023 को 2.9 अरब अमरीकी डॉलर था।’’

बयान के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय में रणनीतिक वृद्धि परियोजनाओं पर 40 करोड़ डॉलर शामिल हैं, जिनसे 2026 के अंत तक कंपनी की कर पूर्व आय में करीब 1.8 अरब डॉलर जुड़ने का अनुमान है। 2024 में पूंजीगत व्यय 4.5-5 अरब अमेरिकी डॉलर के दायरे में रहने की उम्मीद है, जिसमें से 1.4-1.5 अरब डॉलर रणनीतिक वृद्धि के लिए खर्च किए जाएंगे।’

आर्सेलरमित्तल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मित्तल ने कहा, ‘‘ मूल्य निर्धारण के बेहतर माहौल तथा बेहतर होती बिक्री के दम पर तिमाही परिणाम लगातार बेहतर रहे। हमारे पास कई वृद्धि परियोजनाएं हैं जिनपर काम जारी है...इसमें भारत में एक गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजना तथा ब्राजील में वेगा सीएमसी शामिल है। दोनों के पहली छमाही में परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।’’

कंपनी के बयान के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में उसका कच्चे इस्पात का उत्पादन 2023 की समान अवधि के 1.45 करोड़ टन से मामूली रूप से घटकर 1.44 करोड़ टन रहा।

पहली तिमाही में बिक्री 16.28 अरब डॉलर रही, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 18.50 अरब डॉलर थी। कंपनी का इस्पात निर्यात 1.35 करोड टन रहा, जो 2023 की पहली तिमाही के 1.45 करोड़ टन से कम है।

भारत में, आर्सेलरमित्तल जापान की निप्पॉन स्टील के साथ संयुक्त उद्यम में गुजरात में करीब 90 लाख टन क्षमता के इस्पात संयंत्र का स्वामित्व और परिचालन करती है।

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