देश की खबरें | अडाणी समूह मामले में जेपीसी के अतिरिक्त कोई भी समिति आरोपमुक्त करने की कवायद होगी: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 16 फरवरी कांग्रेस ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग पर एक बार फिर से जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जेपीसी के अतिरिक्त कोई अन्य समिति गठित करना इस पूरे प्रकरण में संबंधित कारोबारी समूह एवं सरकार को सही ठहराने एवं आरोपमुक्त बनाने की ही कवायद होगी।

पार्टी अडाणी समूह से जुड़े मामले पर शुक्रवार को देश के 23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन करेगी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष सरकार ने जो समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया है उससे शायद ही किसी तरह की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने एक बयान में कहा कि 13 फरवरी की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने विशेषज्ञ समिति गठित करने के संदर्भ में चर्चा की थी तथा उसने सरकार को 17 फरवरी तक अपना पक्ष रखने को कहा है।

रमेश ने कहा, ‘‘जो आरोप लगे हैं वो भारत सरकार और अडाणी समूह के बीच के निकट संबंधों के बारे में हैं। ऐसे में सरकार की ओर से प्रस्तावित सेवा शर्तों के साथ समिति गठित करने से शायद ही किसी प्रकार की स्वतंत्रता या पारदर्शिता का भरोसा हो सके।’’

उनका कहना है कि अगर प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को जवाबदेह ठहराना है तो जेपीसी जरूरी है और इसके अलावा कोई भी समिति इस मामले में चीजों को सही ठहराने और आरोप मुक्त बनाने की कवायद के अलावा कुछ नहीं होगी।

रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह बृहस्पतिवार को भी प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ मोदी जी, विदेशी टैक्स हेवन में स्थित शेल कंपनियों ने आपके मित्र गौतम अडाणी के व्यवसाय संचालन में बिना किसी गंभीर परिणाम के केंद्रीय भूमिका निभाई है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी पर आरोप है कि उन्होंने मॉरीशस में कम से कम 38 शेल इकाइयां स्थापित कीं, जिनमें से कई ने बिना किसी ज्ञात आय के स्रोत और व्‍यापारिक गतिविधि के अडाणी समूह के साथ बड़ा कारोबार किया है।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘क्या आप अपने करीबी दोस्तों को बचा रहे हैं, जिन पर 5,468 करोड़ रुपए की राशि को अन्यत्र हस्‍तांतरित करने का आरोप है? क्या आपको इस बात की चिंता नहीं है कि संदेहास्‍पद प्रमोटरों द्वारा पूंजीगत लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाने पर अंतत: उपभोक्ता और करदाता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है?’’

रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘ दोनों ने अडाणी समूह को बिना किसी स्पष्ट ज्ञात व्यावसायिक गतिविधि‍ के बड़ी मात्रा में धन उधार दिया। क्या यह सभी गतिविधियां आपकी जांच एजेंसियों की पलटन के द्वारा जांच के लायक नहीं है?’’

कांग्रेस हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले बोल रही है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े आरोपों को आधारहीन बताया था।

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