नयी दिल्ली, नौ अप्रैल वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने चीन और दक्षिण कोरिया से हाइड्रोलिक रॉक ब्रेकर के आयात पर पांच साल के लिए डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय ने इन दोनों देशों से इन मशीनों के सस्ते आयात पर जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की है। घरेलू उद्योग को सस्ते आयात के प्रभाव से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा, ‘‘प्राधिकरण पांच साल की अवधि के लिए सुनिश्चित डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।’’
इस पर अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में लागत, बीमा, माल ढुलाई मूल्य (सीआईएफ) के 4.55 प्रतिशत और 162.5 प्रतिशत के दायरे में शुल्क लगाने की अनुशंसा की गई है।
भारतीय कंपनी डॉजको इंडिया ने चीन और दक्षिण कोरिया से इन आयात पर डंपिंग-रोधी जांच शुरू करने के लिए डीजीटीआर के समक्ष अर्जी लगाई थी।
निदेशालय ने एक अलग अधिसूचना में कहा कि चीन, यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया से पांच साल के लिए ‘सोडियम साइनाइड’ के आयात पर भी डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है।
अपने अध्ययन में डीजीटीआर ने पाया है कि सस्ते साइनाइड का आयात घरेलू उद्योग की कीमतों को प्रभावित कर रहा है।
इसके अलावा, निदेशालय ने चीन से 401 व्यास (99एमएम) और 300 व्यास (73एमएम) माप वाली टिन प्लेट के आयात पर भी शुल्क लगाने के लिए कहा है।
डीजीटीआर ने जड़ी-बूटियों में इस्तेमाल होने वाले चीनी रसायन ‘पेडा’ की कथित डंपिंग जांच भी शुरू की है। इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड ने जांच शुरू करने की अर्जी दाखिल की थी।
डीजीटीआर की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय तीन महीने के भीतर इन पर अंतिम निर्णय करता है। निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योग को समान अवसर प्रदान करने के लिए डंपिंग-रोधी कदम उठाए जाते हैं।
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