
नयी दिल्ली, 27 मार्च तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से ‘नकदी के ढेर’ की कथित बरामदगी नोटबंदी की विफल नीति का एक उदाहरण है।
राज्यसभा में वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान घोष ने कहा कि नोटबंदी की इस विफल नीति का इससे ज्यादा खुलासा क्या हो सकता है कि एक न्यायविद के घर में नकदी के ढेर कथित तौर पर पाए गए।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर नोटबंदी की उनकी नीति गलत साबित होती है तो लोग उन्हें मनचाही सजा दे सकते हैं।
घोष ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री जनता की सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं? ... क्योंकि नकदी के ये ढेर इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि नोटबंदी की नीति बुरी तरह विफल रही है। यह सरकार एक विफल सरकार है।’’
तृणमूल सदस्य 14 मार्च को रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास में आग लगने के बाद कथित नकदी मिलने का जिक्र कर रही थीं।
घोष ने कहा कि कभी-कभी संसद सदस्य भी कुछ गलतियां करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जो कहते हैं उसमें कुछ गलतियां हो जाती हैं लेकिन एक व्यक्ति है जो कभी गलती नहीं करता, वह प्रधानमंत्री हैं।’’
चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार अतीत में की गई अपनी गलतियों से भी नहीं सीख रही है। सफल शासन मॉडल को अपनाने के बजाय, यह त्रुटिपूर्ण नीतियों को लागू करना, राज्यों के अधिकारों को दबाना और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना जारी रखती है।’’
उन्होंने भाजपा नीत राजग सरकार पर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और ‘एक राष्ट्र एक ’ जैसी पहल के माध्यम से भारत की विविधता में एकता के सुंदर सिद्धांत को नष्ट करने का आरोप लगाया।
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