राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों की मौत की घटनाएं बढ़ने के बीच आईटीओ (ITO) के करीब स्थित दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में अब शवों को दफनाने की जगह कम पड़ रही है, क्योंकि कोविड-19 (COVID-19) से मरने वाले एनसीआर के अन्य क्षेत्रों के मरीजों को भी यहीं दफनाया जा रहा है.इसका प्रबंधन करने वाले एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. कब्रिस्तान अहले इस्लाम के सचिव हाजी मियां फैयाजुद्दीन ने कहा, ‘‘इसके लिए कुछ व्यवस्था होनी चाहिए कि कोविड-19 से मरने वालों को उनके आस-पास के कब्रिस्तानों में दफनाया जाए और उनके रिश्तेदारों को यहां न आना पड़े क्योंकि यहां जगह सीमित है,"
उन्होंने कहा कि प्रबंधन समिति यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखेगी कि शहर के अन्य इलाकों के शवों को दफनाने के लिए उन्हें इस कब्रिस्तान में न भेजा जाए. फैयाजुद्दीन ने कहा कि कब्रिस्तान प्रबंधन के सामने एक समस्या यह है कि उसे नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जैसे पड़ोसी शहरों के रोगियों के शवों को दफनाने के लिए भी जगह देनी पड़ती है, जिनकी दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हुई है. यह भी पढ़े | Punjab: राज्यपाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी समेत राजभवन के छह कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
उन्होंने कहा कि हमें कोई समस्या नहीं है लेकिन सीमित जगह एक वास्तविक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि हालांकि जगह का मुद्दा फिलहाल उतना गंभीर नहीं है, लेकिन अगर शवों के दफनाने की मौजूदा दर जारी रहती है, तो करीब दो महीनों में कठिनाई हो सकती है. फैयाजुद्दीन ने कहा, "हमें इन दिनों कोविड-19 मृतकों के लगभग 4-5 शव मिल रहे हैं.
सितंबर में कुल 67, अक्टूबर में 57 और नवंबर में अब तक 50 कोविड-19 मृतकों को यहां दफनाया गया है. लगभग 50 एकड़ में फैले आईटीओ कब्रिस्तान में कोविड-19 मृतकों को दफनाने का काम अप्रैल में शुरू हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के कारण 121 लोगों की मौत हो गई.
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