बीजिंग, 29 अक्टूबर चीन के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका को साझे लक्ष्यों की तरफ चीन के साथ चलना चाहिए न कि उसके आसपास के समुद्र और हवाई क्षेत्र में उकसावे वाली कार्रवाई करनी चाहिए।
चीन ने अपनी संप्रुभता और सुरक्षा हितों की रक्षा का भी संकल्प लिया।
चीन के रक्षा प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू छयेन ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पिछले हफ्ते चीन और अमेरिका की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने फोन पर बातचीत की थी और संपर्क को मजबूत करने, मतभेदों और असहमतियों का उचित तरीके से प्रबंधन करने और साझे हित वाले क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमति जताई थी।
उन्होंने कहा कि चीन के आसपास के समुद्र और हवाई क्षेत्र में उकसाने की कार्रवाई करने के बजाय अमेरिका को समान लक्ष्य की दिशा में चीन के साथ चलना चाहिए।
छ्येन ने यह भी कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने बीते दो दिन में संकट संचार पर वीडियो कॉन्फ्रेंसें की हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों की मध्य नवंबर और दिसंबर में सैन्य मानवीय सहायता और आपदा राहत एवं समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संगोष्ठियां करने की योजना है।
अमेरिका द्वारा ड्रोन के जरिए विवादित दक्षिण चीन सागर के कुछ द्वीपों पर हमला करने पर विचार करने संबंधी रिपोर्टों पर छ्येन ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट तथ्यों के अनुरूप नहीं है और अमेरिका की चीन के खिलाफ सैन्य संकट उत्पन्न करने की कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में दोनों सेनाओं द्वारा संपर्क बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह अपने वादे पर कायम रहे और चीन के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में सेना को उकसावे वाली कार्रवाई करने से रोके और ऐसी किसी भी कार्रवाई को बंद करे जो चीन के मूल हितों को नुकसान पहुंचाती हो।
छ्येन ने कहा कि अगर किसी ने भी समंदर में संघर्ष भड़काने की हिम्मत की तो चीन दृढ़ता से लड़ेगा और अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा।
अमेरिका और चीन के बीच विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर हाल के महीनों में सैन्य तनाव बढ़ा है।
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