लखनऊ, 16 नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा अगले साल के शुरू में आयोजित की जाने वाली ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ की तैयारियों पर तंज करते हुए कहा कि कहीं यह उत्तर प्रदेश का रहा-सहा व्यापार भी चौपट करने की साजिश तो नहीं है।
यादव ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘लाख प्रयासों के बावजूद भाजपा सरकार जब उत्तर प्रदेश में निवेश के नाम पर कुछ नहीं जुटा पाई तो अब जनता को गुमराह करने के लिए विदेश का रंगीन सपना दिखाने में लग गई है। भाजपा को सत्ता में रहते हुए साढ़े पांच साल से ज्यादा का समय हो गया है। कई-कई बार ‘इन्वेस्टमेंट समिट’ करने में पूरी ताकत लगा देने के बाद भी नतीजा शून्य रहा।"
उन्होंने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, "भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) और मंत्रियों ने इसलिए अब विदेश यात्रा का प्लान बना लिया है। मुख्यमंत्री पूरे सरकारी अमले के साथ विदेशी निवेशकों और कम्पनियों को आमंत्रित करेंगे। इससे वह फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश में आयोजित होने जा रहे ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ की भूमिका बनाएंगे। मुख्यमंत्री और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक लंदन, न्यूयॉर्क, डलेस, शिकागो, सैनफ्रांसिसको की यात्रा करेंगे।"
यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, राज्य सरकार के मंत्रियों, दो दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों और इन्वेस्ट यूपी के अफसरों द्वारा 20 देशों में जाने का कार्यक्रम बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा के प्रचार-प्रसार, परिवहन तथा विदेश में रहने, निवेशकों से मिलने-मिलाने आदि में तमाम खर्च होगा। उन्होंने कहा कि अगर उसके बराबर भी निवेश पाने की गारंटी हो तो बड़ी बात होगी, कहीं यह उत्तर प्रदेश का रहा सहा व्यापार भी चौपट करने की साजिश तो नहीं है।
गौरतलब है कि अगले साल 10 फरवरी से आयोजित होने जा रही तीन दिवसीय ‘ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट’ (वैश्विक निवेशक सम्मेलन) से पहले विदेश में अंतरराष्ट्रीय रोडशो का आयोजन होगा, जिसमें 20 से अधिक देशों में उच्च स्तरीय टीमों को भेजने की योजना है। इसमें राज्य सरकार के कई मंत्री भी शामिल होंगे। सरकार को लखनऊ में होने वाली ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की उम्मीद है।
सपा अध्यक्ष ने तंज करते कहा, "भाजपा सरकार विदेश प्रवास पर जा रही है, तो अच्छा होता वहां अपने मातृ संगठन आरएसएस के एजेण्डा के तहत स्वदेशी का भी प्रचार करती। निवेश यात्रा से आशा के बजाय प्रदेश से निर्यात की नई संभावनाएं तलाशती। कुछ भारतीय रीति रिवाज, यहां के खानपान, यहां के उत्पाद का भी विदेशियों को परिचय देती। लेकिन भाजपा सरकार अपनी गिरती साख को छुपाने के लिए मंत्रिमण्डल को विदेश भ्रमण कराने ले जा रही है।’’
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