फर्रुखाबाद में अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई को अखिलेश यादव ने ‘राजनीतिक क्रूरता की हद’ बताया

फर्रुखाबाद जिला प्रशासन द्वारा हरित ऊर्जा गलियारे के निर्माण के लिए मोहम्मदाबाद ब्लॉक के उखरा गांव में कथित अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को इसे ‘राजनीतिक क्रूरता’ की हद करार दिया.

Credit - ANI

फर्रुखाबाद (उप्र), 29 सितंबर : फर्रुखाबाद जिला प्रशासन द्वारा हरित ऊर्जा गलियारे के निर्माण के लिए मोहम्मदाबाद ब्लॉक के उखरा गांव में कथित अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को इसे ‘राजनीतिक क्रूरता’ की हद करार दिया. प्रशासन के अनुसार, उखरा गांव में वर्षों से अवैध रूप से कब्जा की गई बंजर भूमि पर शनिवार शाम कार्रवाई शुरू की गई. तहसीलदार (सदर) श्रद्धा पांडेय ने बताया कि लगभग डेढ़ हेक्टर जमीन पर लोगों का कब्जा है, जिसको हरित ऊर्जा गलियारे के लिए ग्राम समाज की सहमति पर अधिग्रहण किया गया है.

पांडेय ने कहा, “जमीन सरकारी है व बंजर भूमि है, जिस पर लोग अवैध रूप से कब्जा किए हुए थे. जमीन को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है, पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गयी है और सभी अवैध निर्माण जमींदरोज कर दिये जाएंगे.” प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख ने इस मामले को लेकर 17 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जिसमें बुलडोजर की कार्रवाई दिख रही है. उन्‍होंने ''एक्‍स'' पर पोस्‍ट में आरोप लगाया, ''ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा. भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है. जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं.'' यह भी पढ़ें : Haryana Assembly Elections: झारखंड चुनाव के लिए सहयोगियों के साथ जल्द सीट बंटवारा करेगी भाजपा

यादव ने कहा, ''हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है. अमृतकाल के सूचनार्थ : आज लोकसभा फर्रुखाबाद के विधानसभा अमृतपुर के ग्राम उखरा में सालों से बसे 25 गरीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर, न जाने कितने बड़े-बूढ़ों, बीमारों, बच्चों, माताओं, बहनों, बेटियों को भरी बरसात में बेघर किया गया. ये राजनीतिक क्रूरता की हद है.” विभिन्न राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर को एक अंतरिम आदेश पारित किया कि उसकी अनुमति के बिना एक अक्टूबर तक कहीं भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाएगा. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइन या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं है.

Share Now

\