नई दिल्ली: ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने शुक्रवार को कहा कि वह सेवानिवृति कोष ईपीएफओ द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 2019- 20 के लिये निर्धारित 8.5 प्रतिशत ब्याज दर में कटौती के किसी भी प्रयास का विरोध करती है. एटक का बयान उन कुछ रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि सरकार ईपीएफओ के वित्तवर्ष 2019-20 के लिये ईपीएफ ब्याज दर में कटौती कर सकती है। ईपीएफओ से छह करोड़ से अधिक वेतनभोगी जुड़े हैं. एटक ने एक बयान में कहा, ‘‘एटक ईपीएफ पर ब्याज दर को कम करने के किसी भी प्रयास की भर्त्सना करता है.
कर्मचारी एवं श्रमिक पहले से ही संकट की स्थिति में हैं। कोविड-19 के कारण उन्हें भत्ते नहीं प्राप्त हुए और कईयों को नौकरी गंवानी पड़ी और अब ‘अनलॉक’ में स्थिति यह है कि फिर से काम पर आने में उनके वेतन में कटौती की जा रही है. बयान में कहा गया है कि सरकार ने कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ईपीएफओ के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) से सहमति के बिना नियोक्ता, कर्मचारी हिस्सेदारी को कम करने का एकतरफा फैसला लिया.
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 के लिए पहले की घोषित घटी हुई ब्याज दर 8.5 प्रतिशत (जो वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी) को अभी तक सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है और फिर उसके भी आगे, सीबीटी के फैसले के बिना इस प्रकार की कटौती की योजना, इस निकाय के वैधानिक कार्यप्रणाली की पूर्णतया अवहेलना होगी. एटक, ईपीएफ ब्याज दर को कम करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा.
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