नयी दिल्ली, एक जनवरी एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने बुधवार को कहा कि निजीकरण के बाद से कंपनी ने काफी प्रगति की है तथा आने वाले वर्षों में इसकी वैश्विक पहुंच और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि घरेलू और कम दूरी के अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की सेवा देने वाले एकल-गलियारे वाले बेड़े की आंतरिक मरम्मत का काम जारी है और यह 2025 के मध्य तक पूरा हो जाएगा।
घाटे में चल रही एयर इंडिया को जनवरी 2022 में टाटा समूह ने सरकार से अधिग्रहित कर लिया था। यह एक महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय परिवर्तन योजना से गुजर रही है। एयर इंडिया ने 2024 में विस्तारा का अपने साथ विलय पूरा कर लिया और साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट का एकीकरण भी किया।
विल्सन ने अपने नववर्ष संदेश में कहा कि इन विलयों तथा नए विमानों की आपूर्ति से एयर इंडिया समूह के बेड़े में विमानों की संख्या 300 हो गई है, जिससे उसे 100 से अधिक घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक विस्तार करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ आने वाले वर्षों में एयर इंडिया की वैश्विक कवरेज में और वृद्धि होगी, क्योंकि हाल ही में हमारी ऑर्डर बुक में 100 विमान जुड़े हैं, जिससे 2023 में 470 विमानों के लिए की गई प्रतिबद्धता में वृद्धि होगी।’’
विल्सन ने कहा कि इन नए विमानों को बेंगलुरु (कर्नाटक) में एक नए 12-बे रखरखाव सुविधा व रखरखाव प्रशिक्षण स्कूल, अमरावती (महाराष्ट्र) में एक नए 34-विमान उड़ान स्कूल और गुरुग्राम (हरियाणा) में प्रशिक्षण अकादमी द्वारा समर्थन दिया जाएगा।
एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा, ‘‘ एयर इंडिया ने निजीकरण के बाद से अब तक काफी प्रगति की है। हालांकि हम मानते हैं कि अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’’
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