मुंबई, 10 अगस्त बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित उस तकनीक के प्रभाव का आकलन करने के लिए अध्ययन कराने का फैसला किया है जिसके बारे में दावा किया गया है कि वह आधे मिनट के भीतर कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दावा किया गया है कि ‘‘नॉन-इनवेसिव’’ आवाज नमूना विश्लेषण में मरीजों की ध्वनि तरंगों का अध्ययन कर संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश ककानी ने कहा, "यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है और इसके परिणामों को जांच करने की जरूरत है। इसलिए हमने यह अध्ययन कराने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अन्य मौजूदा परीक्षणों की तुलना में यह पद्धति सस्ता है और 30 सेकंड के भीतर परिणाम दे सकता है।
ककानी ने कहा कि अध्ययन उपनगरीय गोरेगांव के एक विशाल कोविड केंद्र में भर्ती 2,000 रोगियों पर किया जाएगा।
अधिकारियों को उम्मीद है कि यदि प्रौद्योगिकी सफल साबित होती है तो हवाई अड्डों, मॉल, थिएटर, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बिना लक्षण वाले लोगों का पता लगाने में यह उपयोगी होगा।
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