जरुरी जानकारी | कृषि निर्यात की किसानों की आय दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका, कृषि निर्यात बढाने की जरूरत: सरकार

नयी दिल्ली, सात सितंबर खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने में कृषि निर्यात की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कृषि निर्यात के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में भारत को पहुंचाने के लिए कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

एक सरकारी बयान के अनुसार, गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की पहल और योजनाओं पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के दूसरे दिन बैठक को संबोधित किया।

कार्यक्रम में बोलते हुए तोमर ने राज्यों से कृषि आधारभूत ढांचा कोष का लाभ उठाने के लिए कहा ताकि लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिल सके, जिनके पास खेत के निकट भंडारण और ‘कोल्ड स्टोरेज’ (शीत भंडारगृह) की सुविधा नहीं है।

डिजिटल कृषि मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों का डेटाबेस हमारी संपत्ति है

और इससे देश में कार्यक्रम केंद्रित वितरण किया जा सकेगा, धन का रिसाव कम होगा, बेहतर नीति निर्माण किया जा सकेगा और देश में स्मार्ट खेती बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि 5.5 करोड़ किसानों का डेटाबेस तैयार है और अन्य को भूमि रिकॉर्ड के साथ सत्यापित करने का काम चल रहा है।

तोमर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में पाम तेल के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- आयल पॉम (एनएमईओ-ओपी) को मंजूरी दी है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से देश में खाद्य तेलों के उत्पादन में तेजी आएगी, जिससे खाद्य तेलों का आयात कम हो सकेगा।

इस मिशन से पाम तेल किसानों को अत्यधिक लाभ होगा, पूंजी निवेश बढ़ेगा, रोजगार पैदा होगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

बैठक के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तेल पाम मिशन की सराहना की और अपने स्तर पर इसके क्रियान्वयन में सहयोग का आश्वासन दिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के भविष्य को बदलने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है।

गोयल ने बयान में कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में कृषि निर्यात की महत्वपूर्ण भूमिका है और भारत को शीर्ष पांच कृषि निर्यातक देशों में शामिल होने का लक्ष्य रखना चाहिए।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में भारत का कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर हो गया।

'एक जिला-एक उत्पाद' योजना के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने कहा कि 103 जिलों से 106 उत्पादों की पहचान की गई है और जिलों को निर्यात केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्थानीय वस्तु वैश्विक बन सके।

उन्होंने बताया कि लाल चावल अब अमेरिका को निर्यात किया जा रहा है और त्रिपुरा से कटहल ब्रिटेन को भेजा जा रहा है। बेहतर बाजारों के लिए मुक्त व्यापार समझौतों पर काम किया जा रहा है।

बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और कैलाश चौधरी मौजूद थे।

मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और विभिन्न योजनाओं और कुछ क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में अपने सुझाव दिए।

सम्मेलन के विषयों पर एक प्रस्तुति अपर सचिव विवेक अग्रवाल ने दी।

राजेश

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