देश की खबरें | दिल्ली में बैठकों के बाद राजस्थान को मिली कोयले की 20 रैक

जयपुर, 13 अक्टूबर राजस्थान सरकार के आला अधिकारियों की दिल्ली में उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठकों के बाद राजस्थान को बुधवार को कोयले की 20 रैक मिली।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राजस्थान को देर रात तक कोयले की कुल मिलाकर 20 रैक भेज दी जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बुधवार को दिल्ली में केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल कुमार जैन और केन्द्रीय पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता से अलग अलग मुलाकात कर कोयले की आपूर्ति बढ़वाने व संयुक्त उपक्रम में फेज दो की पर्यावरण स्वीकृति जारी कराने के लिए चर्चा की।

डॉ.अग्रवाल ने बताया केन्द्र सरकार के दोनों ही सचिवों से वार्ता उत्साहजनक रही और दोनों ही सचिवों ने सहयोग का विश्वास दिलाया।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों का परिणाम रहा है कि राज्य में कोयले की रैक डिस्पैच में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जहां पहले 10-11 तक रैक डिस्पैच (रवानगी) की स्थिति आ गई थी, उसमें सुधार होते हुए देर रात तक 20 रैक डिस्पैच होगी।

उन्होंने बताया कि कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल से चार रैक डिस्पेच हुई है। वहीं, एसईसीएल से जहां मुश्किल से एक रैक डिस्पैच हो रही थी, वह बढ़कर रेल व सड़क मार्ग से तीन अतिरिक्त रैक सहित चार रैक डिस्पैच हुई है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह से विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम से कोयले की 12 रैक डिस्पैच करवाई गई है। इस तरह से राज्य के लिए 20 रैक डिस्पैच हुई है जबकि इससे पहले वाले दिन 16 और उससे पहले 10 से 11 व इससे कम रैक डिस्पैच की स्थिति आ गई थी।

उन्होंने बताया कि कोयले की रैक डिस्पैच में सुधार के साथ विद्युत उत्पादन और आपूर्ति में तेजी से सुधार आएगा।

प्रवक्ता के अनुसार अग्रवाल ने दिल्ली में केन्द्रीय कोयला सचिव जैन से कोयला की आपूर्ति बढ़ाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। जैन ने राजस्थान के लिए कोयला की आपूर्ति में सुधार का भरोसा दिया।

प्रवक्ता के अनुसार जैन ने कहा कि बरसात व अन्य कारण से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसे जल्द ही सामान्य कर दिया जाएगा। डॉ.अग्रवाल ने इसके साथ ही दिल्ली में बुधवार को ही केन्द्रीय वन व पर्यावरण सचिव गुप्ता से भी मुलाकात की। इसमें अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और डॉ. अड़ानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट एवं कांता बासन की द्वितीय चरण के लिए वन भूमि का 1,136 हेक्टेयर हस्तांतरण होना है।

उन्होंने बताया कि परसा कोल ब्लॉक की दूसरे चरण की वन स्वीकृति प्राप्त होना लंबित है। केन्द्रीय पर्यावरण सचिव ने दोनों स्वीकृतियों पर शीघ्र कार्रवाई का विश्वास दिलाया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)