विदेश की खबरें | बाइडन-मैक्रों की बातचीत के बाद अमेरिका और फ्रांस के बीच मनमुटाव कम होता दिख रहा

बुधवार को फोन पर आधे घंटे तक हुई बातचीत को व्हाइट हाउस ने “मैत्रीपूर्ण” करार दिया है जिसमें दोनों नेताओं ने आगे की रणनीति पर बात करने के लिए अगले महीने मुलाकात करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के रिश्तों में उस वक्त कड़वाहट आ गई थी जब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते नये हिंद-प्रशांत रक्षा सौदे की घोषणा की थी और फ्रांस ने इस पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसके कारण पनडुब्बी को लेकर उसका ऑस्ट्रेलिया के साथ अरबों का एक अनुबंध समाप्त हो गया था।

व्हाइट हाउस ने मैक्रों के साथ बातचीत की एक तस्वीर साझा कर संबंधों में सुधार होने की झलक दी।

सावधानीपूर्वक तैयार किए गए एक संयुक्त बयान में, दोनों देश की सरकारों ने कहा कि बाइडन और मैक्रों “ने विश्वास सुनिश्चित करने के लिए बेहतर स्थितियां बनाने के उद्देश्य से गहन परामर्श की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी इस प्रश्न को बार-बार नजरअंदाज करती रहीं कि बाइडन ने क्या इस पूरे प्रकरण में माफी मांगी? उन्होंने कहा कि बाइडन ने माना है कि, “ज्यादा विचार-विमर्श हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “ राष्ट्रपति को उम्मीद है कि फ्रांस के साथ अमेरिका के लंबे, महत्वपूर्ण, स्थायी संबंधों में सामान्य स्थिति में लौटने के लिए यह एक कदम है।”

यह बातचीत उस गुस्से का शांत करती हुई मालूम होती है जो फ्रांस की तरफ से बाइडन प्रशासन को लेकर बार-बार जाहिर किया जा रहा था।

एक अभूतपूर्व कदम में, फ्रांस ने पिछले हफ्ते अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। फ्रांस ने कहा था कि सहयोगियों द्वारा ‘पीठ में छुरा घोंपे जाने’ के विरोध स्वरूप उसने ऐसा किया है। रक्षा समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया डीजल-इलेक्ट्रिक फ्रांसीसी पनडुब्बियों को खरीदने संबंधी कई अरब डॉलर के करार को रद्द कर देगा और इसके बजाय अमेरिका के परमाणु-संचालित पोतों की खरीद करेगा।

एपी

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