जरुरी जानकारी | विज्ञापन निकाय ने लिंक्डइन पर इन्फ्लूएंसर से 'जुड़ाव' पर खुलासा करने को कहा

मुंबई, 14 जनवरी भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने पेशेवर नेटवर्किंग मंच लिंक्डइन पर खुलासा करने वाले टूल न होने की बात करते हुए मंगलवार को कहा कि सामग्री निर्माताओं या प्रभावशाली लोगों को अपने जुड़ाव के बारे में स्पष्टता दिखानी चाहिए।

विज्ञापन क्षेत्र के स्व-नियामकीय संगठन एएससीआई ने कहा कि पिछले सप्ताह ही लिंक्डइन पर सतर्क पेशेवरों ने 60 मामले चिह्नित किए हैं जिनमें से 56 मामले भौतिक संपर्कों का खुलासा न होने से संबंधित उल्लंघनों के लिए समीक्षाधीन हैं।

एएससीआई ने बयान में कहा, ‘‘अन्य लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों के उलट लिंक्डइन के मंच पर खुलासा करने वाले टूल नहीं दिए गए हैं।’’

बयान के मुताबिक, ‘भौतिक जुड़ाव’ का मतलब किसी विज्ञापनदाता और प्रभावशाली व्यक्ति (इन्फ्लूएंसर) के बीच किसी भी तरह के जुड़ाव से है। इससे मंच पर मौजूद इन्फ्लूएंसर की विश्वसनीयता या अहमियत प्रभावित हो सकती है।

इसमें कहा गया, ‘‘इस तरह के खुलासे स्पष्ट, सीधे और प्रमुखता से प्रदर्शित होने चाहिए और किसी भी हैशटैग या लिंक के समूह में छिपे नहीं होने चाहिए।’’

विज्ञापन निकाय की महासचिव एवं मुख्य कार्यकारी मनीषा कपूर ने कहा, ‘‘लिंक्डइन पर मौजूद इन्फ्लूएंसर अपने-अपने क्षेत्रों के अनुभवी पेशेवर और विश्वसनीय आवाज हैं। जब जिम्मेदार प्रभाव डालने की बात आती है, तो उनके लिए मिसाल बनकर नेतृत्व करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।’’

एएससीआई ने ऐसे लोगों को दी गई सलाह में कहा कि भौतिक संपर्कों का खुलासा न करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का सीधा उल्लंघन है। इसके साथ ही यह केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के ‘नामचीन हस्ती, इन्फ्लूएंसर और सोशल मीडिया मंच पर मौजूद वर्चुअल इन्फ्लूएंसर’ से संबंधित दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन है।

विज्ञापन निकाय ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि इस सलाह का पालन न करने पर वह ऐसे मामलों की सूचना नियामकीय निकायों को देने के लिए प्रेरित होगी।

एएससीआई ने कहा कि इन्फ्लूएंसर लोगों को अपनी पोस्ट के साथ ‘विज्ञापन’ या ‘साझेदारी’ जैसे शब्द स्वेच्छा से जोड़ने चाहिए। हाल के दिनों में लिंक्डइन पर पेशेवरों द्वारा कुछ उत्पादों या सेवाओं और कुछ विज्ञापन अभियानों के बारे में भी सकारात्मक बातें करने के कई मामले देखे गए हैं।

एएससीआई ने कहा, ‘‘किसी अभियान के हिस्सा होने जैसे पहलू का खुलासा न करने वाली प्रथाएं दर्शकों को गुमराह करती हैं, जो यह मान सकते हैं कि ऐसे पेशेवरों द्वारा प्रस्तुत विचार निष्पक्ष हैं और किसी साझेदारी से प्रभावित नहीं हैं।’’

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