गांधीनगर, 28 मई केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जल्द ही देश में लगभग 65,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को कंप्यूटरीकृत करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की जाएगी।
शाह ने महात्मा मंदिर सभागार में सहकारी संस्थाओं के 'सहकार से समृद्धि' सम्मेलन में यह भी कहा कि केंद्र सरकार बहु-राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 2002 में कई संशोधन लाने की योजना बना रही है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘देश में लगभग 65,000 पीएसीएस हैं। हमने नाबार्ड की मदद से इन सभी पीएसीएस को कंप्यूटरीकृत करने का निर्णय लिया है। यह हमारी कृषि वित्त ऋण प्रणाली के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। सभी पीएसीएस और नाबार्ड के लिए एक समान सॉफ्टवेयर होगा तथा नाबार्ड को दैनिक आधार पर विवरण प्राप्त होगा, जैसे कि दैनिक व्यवसाय और इन पीएसीएस की वसूली।’’
उन्होंने कहा कि यह प्रणाली पारदर्शिता लाएगी और सहकारी समितियों को दिवालिया होने से रोकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पीएसीएस को ‘‘बहुउद्देशीय’’ बनाने के लिए काम कर रही है।
शाह ने कहा, ‘‘हम बहु-राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम में बहुत से संशोधन भी ला रहे हैं। सहकारी संस्थाओं का एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के लिए भी काम किया जा रहा है, क्योंकि देश में वर्तमान में ऐसा कोई डेटाबेस नहीं है। हम सहकारी समितियों के लिए लेखा परीक्षा प्रणाली को बदलने के लिए राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी परिवर्तन खरीद और भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता लाएंगे और अंततः सहकारी समितियों को जनता के बीच अधिक भरोसेमंद बनाएंगे। मुझे विश्वास है कि सहकारी क्षेत्र फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने में योगदान करेगा।’’
इस अवसर पर, शाह ने घोषणा की कि गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ के स्वामित्व वाला ब्रांड ‘अमूल’ जल्द ही गांधीनगर में अपनी अमूलफेड डेयरी इकाई में जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित करेगा, जिन्हें देश भर में एक सहकारी नेटवर्क के माध्यम से बेचा जाएगा।
शाह ने पिछले साल सहकारिता मंत्रालय के गठन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सहकारी क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी का एक क्रांतिकारी कदम है और करोड़ों किसानों एवं सहकारिता से जुड़े अन्य लोग जानते हैं कि एक अलग मंत्रालय के गठन से इस क्षेत्र को अगले 100 वर्षों के लिए एक नया जीवन मिलेगा।’’
शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के लाभ के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को भी रेखांकित किया।
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