नयी दिल्ली, 27 अप्रैल आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में भाजपा शासित नगर निकायों के अतिक्रमण रोधी अभियानों के खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि भगवा पार्टी के नेता लोगों को उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की धमकी देकर ''जबरन वसूली'' कर रहे हैं।
दुर्गेश पाठक के नेतृत्व में आप के विभिन्न नेता और कार्यकर्ताओं ने यहां पार्टी मुख्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान हाथों में तख्तियां लिये प्रदर्शनकारियों ने भाजपा शासित नगर निकायों के अतिक्रमण रोधी अभियानों के खिलाफ ''गुंडागर्दी बंद करो'', ''जबरन वसूली बंद करो'' जैसे नारे लगाए।
पाठक ने पत्रकारों से कहा, ''हम भाजपा की गुंडागर्दी और जबरन वसूली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिये यहां जमा हुए हैं। ''
पार्टी ने आप मुख्यालय से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित भाजपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि पुलिस ने रास्ते में अवरोधक लगा रखे थे।
पाठक ने आरोप लगाया कि दिल्ली भाजपा के नेता पूरे शहर में लोगों के पास जाकर उन्हें धमकी दे रहे हैं कि अगर वे उन्हें पैसे नहीं देंगे, तो उनकी संपत्तियों पर किए गए ''अनधिकृत'' निर्माण पर बुलडोजर चला दिया जाएगा।
आप के वरिष्ठ नेता पाठक ने कहा, ''वे (भाजपा नेता) लोगों को धमकी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया जाएगा। वे उनके घरों पर जाकर मामूली कमियां निकाल रहे हैं।''
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने तीनों नगर निकायों में अपने बीते 15 साल के शासन के दौरान पहले तो अवैध निर्माण को ''अनुमति और बढ़ावा'' दिया और अब इसके नेता लोगों से ऐसे ढांचों को न गिराने के बदले ''जबरन वसूली'' कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम यह गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे।
अधिकारियों ने कहा कि भाजपा शासित दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को अपने सभी चार क्षेत्रों में अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसते हुए अस्थायी ढांचे, अवैध होर्डिंग हटाकर तथा वाहनों को जब्त करके लगभग पांच किलोमीटर की सड़क को साफ कर दिया।
दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने 20 अप्रैल को दक्षिण और पूर्वी निगमों के महापौरों को पत्र लिखकर उसने उनके क्षेत्रों में ''रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों'' द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, जिसके बाद आप ने यह विरोध प्रदर्शन किया है।
इससे पहले, दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को दो समुदायों के बीच झड़प होने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर-निगम ने इलाके में अतिक्रमण रोधी अधियान चलाया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। उच्चतम न्यायालय को हस्तेक्षप कर इस अभियान पर रोक लगानी पड़ी थी।
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