Karnataka Election 2023: कर्नाटक चुनाव से एक दिन पहले मुख्यमंत्री बोम्मई मंदिर गये, हनुमान चालीसा का पाठ किया
Chief Minister Basavaraj Bommai

बेंगलुरु/हुब्बली(कर्नाटक), नौ मई: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने राज्य विधानसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को आंजनेय मंदिरों का दौरा किया. बोम्मई, हुब्बली में विजयनगर स्थित मंदिर गये और वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया. वहीं, शिवकुमार बेंगलुरु स्थित के.आर मार्केट स्थित मंदिर गये और पूजा-अर्चना की. यह भी पढ़ें: Karnataka Elections 2023: यदि आपका Voter ID कार्ड खो गया है तो ना हो परेशान, इन दस्तावेजों के जरिए डाल सकते हैं वोट, पढ़े डिटेल्स

बजरंग दल को प्रतिबंधित करने के लिए कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में किये गये प्रस्ताव से उपजे विवाद के मद्देनजर ये यात्राएं मायने रखती हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों ने ही इस मुद्दे का इस्तेमाल कांग्रेस पर भगवान आंजनेय और हिंदुओं की भावनाओं के खिलाफ होने का आरोप लगाने के लिए किया. उन्होंने प्रचार अभियान के दौरान बार-बार ‘जय बजरंगबली’ का उद्घोष किया.

शिवकुमार सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने घोषणापत्र में किये गये प्रस्ताव पर अडिग रहते हुए कहा है कि भगवान आंजनेय या बजरंग दल दो अलग-अलग चीजें हैं तथा उनकी एक-दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि वे भी आंजनेय और भगवान राम के आराधक हैं.

शिवकुमार ने मंदिर का दौरा करने के बाद कहा, ‘‘मैंने भगवान आंजनेय से मुझे लोगों की सेवा करने की शक्ति देने की प्रार्थना की.’’ केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा चुनाव प्रबंध समिति प्रमुख शोभा करंदलाजे भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बेंगलुरु के महालक्ष्मी लेआउट स्थित श्री प्रसन्ना वीरंजनेय मंदिर गईं और पूजा अर्चना की.

उन्होंने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का घोषणापत्र में प्रस्ताव करने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला पर भगवान आंजनेय का अपमान करने और उनके (भगवान के) जन्म स्थान पर संदेह जता कर हिंदू मान्यताओं को खतरा पैदा करने का आरोप लगाया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोग पूरे राज्य के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं और धर्म की रक्षा करने के लिए भगवान आंजनेय से शक्ति देने की प्रार्थना कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि सात मई को विश्व हिंदू परिषद और इसकी युवा इकाई बजरंग दल ने देशभर में नौ मई को हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला किया था.

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पार्टी ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल, पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों या किसी अन्य द्वारा समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देकर इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है, भले ही वह बहुसंख्यक समुदाय या अल्पसंख्यक समुदाय क्यों ना हो। हम ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’

विहिप के महासचिव मिलिंद परांदे के अनुसार, ‘‘कांग्रेस और अन्य संगठनों तथा उनके कार्यकर्ताओं को 'सद्बुद्धि' प्रदान करने के लिए ‘बजरंग बली’ का आह्वान करने का कार्यक्रम तय किया गया है.’’

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह बहुत ही अपमानजनक है कि कर्नाटक कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में पार्टी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है और उसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कांग्रेस और कुछ अन्य हिंदू-विरोधी नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.’’

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