उत्तर प्रदेश के एटा में वकील से मारपीट का मामला दर्ज, 2 फरवरी को होगी सुनवाई
कानून/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit-Pixabay)

प्रयागराज, 21 जनवरी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा जिले में एक वकील पर हमले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने कहा कि असंतुष्ट व्यक्ति सक्षम अदालत के समक्ष जांच एजेंसी बदलने के लिए अनुरोध कर सकता है. अदालत ने मंगलवार को इस संबंध में याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. वकीलों ने मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस के बजाए किसी अन्य जांच एजेंसी को देने का अनुरोध किया था. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर (Govind Mathur) और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी (Saurabh Shyam Shamsheri) ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख दो फरवरी तय की.

इससे पूर्व 11 जनवरी को एटा में एक वकील से साथ पुलिस की बर्बरता और उस वकील के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार के मामले में एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी. उत्तर प्रदेश राज्य विधिज्ञ परिषद की ओर से भी एक सीलबंद लिफाफा अदालत के समक्ष पेश किया गया था.

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विधिज्ञ परिषद ने इस मामले की जांच सीबीआई (CBI) या सीआईडी (CDI) की अपराध शाखा जैसी एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने का अनुरोध किया था. एटा जिले में वकालत करने वाले अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा और उनके परिजनों के साथ पुलिस अत्याचार के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आठ जनवरी को इस घटना के संबंध में एटा के सीजेएम को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.

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