लखनऊ, 19 अगस्त उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 777 गांव अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तटबंध की निगरानी और कटान की स्थिति पर लगातार नजर बनाये रखने के निर्देश दिये हैं।
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश के 16 जिलों के 777 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, शाहजहांपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी हैं।
मंत्री ने बताया कि इस वक्त शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
राजभर के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों को तटबंधों की स्थिति पर नजर रखने के साथ-साथ बांधों में कटान की स्थिति पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शरणालयों में रह रहे किसी भी व्यक्ति में बुखार, खांसी, सिरदर्द वगैरह के लक्षण दिखायी देने पर उन्हें बाकी शरणार्थियों से अलग रखने तथा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यकतानुसार जांच कराने, भर्ती और उपचार की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।
राजभर ने दावा किया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। कहीं भी चिंताजनक हालात नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में फंसे हुए लोगों की तलाश और बचाव के लिये एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ एवं पीएसी की सात टीमें तैनात की गयी हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिये 1,176 नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में बाढ़ से निपटने की सरकार की कोशिशों को महज खानापूर्ति करार दिया है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि कई जिलों में नदियों में उफान से गांव के गांव डूब गए हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे पहले किसान ओलावृष्टि और अतिवृष्टि का शिकार हो चुका है। उसे अपनी चौपट फसलों का अभी तक मुआवजा भी नहीं मिला है। जब चारों ओर तबाही मच गई है तब मुख्यमंत्री योगी जिलाधिकारियों से बैठक कर महज खानापूर्ति कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर जमीन में लगी करोड़ों की फसल बर्बाद हो गई है। दर्जनों मौतें हो चुकी है। लोग बंधों और सड़क के किनारे शरण लेकर पड़े हैं। उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। सरकार से कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री में सड़े आलू दिए गए हैं। जलभराव और घरों में पानी से बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है। सरकार इस सबसे बेपरवाह है।
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