लखनऊ, 22 अप्रैल उत्तर प्रदेश में बुधवार अपराह्न तक कोविड—19 संक्रमण के 75 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1412 हो गयी है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश में इस समय तक कोराना वायरस संक्रमण के कुल 1412 मामले आये हैं। इनमें से 165 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इस संक्रमण से कुल 21 लोगों की मौत हुई है। इस तरह अब राज्य में 1226 लोग इससे संक्रमित हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि कुल संक्रमित लोगों में बुजुर्गों का प्रतिशत केवल 8.30 प्रतिशत है। इनमें पुरुष 7.28 प्रतिशत और महिलाएं 1.06 प्रतिशत हैं। इसके अलावा 0—20 वर्ष आयु वर्ग का प्रतिशत 19.51 है। वहीं, 21—40 आयु वर्ग में 47.49 प्रतिशत, 41—60 वर्ष आयु वर्ग में 24.66 प्रतिशत हैं। कुल संक्रमितों में पुरुष 78.80 प्रतिशत और महिलाएं 21.20 प्रतिशत हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब 10 जिले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हाथरस, बरेली, प्रयागराज, महाराजगंज, शाहजहांपुर, बाराबंकी, हरदोई और कौशाम्बी पूरी तरह कोरोना वायरस मुक्त हो चुके हैं। इनमें अब कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला नहीं है।
प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के नमूनों की ‘पूल टेस्टिंग’ का काम लगातार चल रहा है। अब केजीएमयू के साथ—साथ मेरठ और इटावा मेडिकल कालेज में भी यह जांच शुरू हो गयी है। मंगलवार को लखनऊ और मेरठ में 200—200 नमूनों और इटावा मेडिकल कॉलेज में 180 नमूनों की जांच हुई।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों के कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है। निजी क्षेत्र के अस्पतालों की भी तीन दौर की आनलाइन ट्रेनिंग करायी जा चुकी है।
प्रसाद ने बताया कि सरकार ने निजी और सरकारी चिकित्सालयों, राजकीय महाविद्यालयों से कहा है कि जो भी इलाज उपलब्ध करा रहे हैं, वह पूरे दिशानिर्देशों से हो ताकि संक्रमण की सम्भावना न हो। तबलीगी जमात के बाद दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा ये मेडिकल प्रतिष्ठान थे, जहां संक्रमण फैला। इसीलिये इन परिसरों से सभी दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है, ताकि वहां से कोई संक्रमण न फैले।
इस अवसर पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चे माल तथा तैयार माल की ढुलाई करने वाले किसी भी वाहन या ट्रक को नहीं रोका जाए।
उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी खबरें चलायी गयी हैं कि औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। औद्योगिक इकाई सामाजिक दूरी और केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करें, तो हम प्रोत्साहित करेंगे।
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