नयी दिल्ली, एक जून भारत में मार्च से मई के बीच भीषण गर्मी की चपेट में आए 24,849 लोगों में से 56 की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, केवल मई में ही 46 लोगों की मौत हुई. इसमें बताया गया कि एक मई से 30 मई के बीच देश में लू के 19,189 संदिग्ध मामले सामने आए. सूत्रों ने बताया कि इन आंकड़ों में उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में हुई मौतों की संख्या को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है. यह भी पढ़ें: राजस्थान को आने वाले दिनों में लू से राहत मिलने की उम्मीद
देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. भारत में शुक्रवार को गर्मी से संबंधित मामलों में कम से कम 40 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली, जिनमें उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए तैनात 25 कर्मचारी भी शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को भी भीषण गर्मी के कारण ओडिशा में 10, बिहार में आठ, झारखंड में चार और उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं, राजस्थान में गर्मी से अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पिछले तीन महीने के दौरान गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं, महाराष्ट्र में 11 लोगों की मौत हुई.
एक अधिकारिक सूत्र ने कहा, ''उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों से भीषण गर्मी से होने वाली मौतों का आंकड़ा आना बाकी है. कुछ राज्यों ने आंकड़ा प्रविष्टि (डेटा एंट्री) में दिक्कतों की सूचना दी है. राज्यों की ओर से दिए गए आंकड़ों को अंतिम नहीं माना जा सकता है, इसलिए मौतों की संख्या बढ़ सकती है.''
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के अनुसार, इन मौतों का कारण भीषण गर्मी या 'हाइपरथर्मिया' हो सकता है, क्योंकि शरीर का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक था.
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