बेंगलुरु, आठ जुलाई कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान जद (एस) के साथ गठबंधन की ‘आवश्यकता नहीं’ थी।
उन्होंने कहा कि चुनाव में अकेले जाने के उनके सुझाव पर हाईकमान ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि यह एक ‘अकेली आवाज’ थी।
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कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया डी के शिवकुमार के दो जुलाई को राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में शपथ लेने के दौरान पार्टी नेता दिनेश गुंडू राव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
सिद्धरमैया ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने पुराने मैसुरु क्षेत्र में कई वर्षों तक एक दूसरे के साथ मुकाबला किया है। इसलिए गठबंधन की जरूरत नहीं थी।’’
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उन्होंने दावा किया कि यदि जद(एस) के साथ गठबंधन में कांग्रेस नहीं आती तो वह (कांग्रेस) लोकसभा चुनाव में सात से आठ सीटों पर जीत दर्ज करती।
हार के कारणों के बारे में बताते हुए, सिद्धरमैया ने कहा कि वह जानते थे कि दोनों पार्टियों को एक-दूसरे के परंपरागत वोट नहीं मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को जद (एस) के वोट नहीं मिलेंगे और जद (एस) के वोट कांग्रेस को नहीं जायेंगे।’’
कर्नाटक कांग्रेस के पूर्व प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने दो जुलाई को कहा था कि वह तब पार्टी अध्यक्ष बने थे, जब पार्टी गठबंधन के दौर से गुजर रही थी।
उन्होंने कहा कि पार्टी को वांछित परिणाम नहीं मिले क्योंकि लोगों ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को पसंद नहीं किया।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली थी।
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