अफवाह के बाद 2,000 प्रवासी मजदूर सरकारी दफ्तर के बाहर जमा हुए

लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां गोटा इलाके में एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
अफवाह के बाद 2,000 प्रवासी मजदूर सरकारी दफ्तर के बाहर जमा हुए
प्रवासी मजदूर (Photo Credits: ANI)

अहमदाबाद: लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां गोटा इलाके में एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा.

सुबह से मजदूरों की भीड़ स्पष्ट तौर पर उस अफवाह के कारण शुरू हुई जिसमें प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले जाने वाली एक बस के सरकारी कार्यालय के बाहर पहुंचने की बात थी.

गोटा पुल के पास उपजिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर अचानक लोगों का हुजूम जुटने की खबर होने पर, पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और मजदूरों को वहां से जाने के लिए मनाया. ज्यादातर श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहा�ोही की सड़क पर काली थार ने बरपाया कहर, घटना के बाद लोगों में दहशत">VIDEO: जो भी सामने आया कुचलता चला गया...भदोही की सड़क पर काली थार ने बरपाया कहर, घटना के बाद लोगों में दहशत

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अफवाह के बाद 2,000 प्रवासी मजदूर सरकारी दफ्तर के बाहर जमा हुए

लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां गोटा इलाके में एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
अफवाह के बाद 2,000 प्रवासी मजदूर सरकारी दफ्तर के बाहर जमा हुए
प्रवासी मजदूर (Photo Credits: ANI)

अहमदाबाद: लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां गोटा इलाके में एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा.

सुबह से मजदूरों की भीड़ स्पष्ट तौर पर उस अफवाह के कारण शुरू हुई जिसमें प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले जाने वाली एक बस के सरकारी कार्यालय के बाहर पहुंचने की बात थी.

गोटा पुल के पास उपजिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर अचानक लोगों का हुजूम जुटने की खबर होने पर, पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और मजदूरों को वहां से जाने के लिए मनाया. ज्यादातर श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के थे. लॉकडाउन के बीच अपने गृह प्रदेशों को लौटने के इच्छुक प्रवासियों को ऑनलाइन आवेदन देना है. वे ऑफलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं जिसे उन्हें जिलाधिकारी के तहत किसी निर्देशित कार्यालय में जमा कराना होगा.

पुलिस के सहायक आयुक्त एम ए पटेल ने कहा, “उपजिलाधिकारी का यह कार्यालय भी ऐसे आवेदन स्वीकार करता है. जिन प्रवासियों को मंजूरी दी गई है उनसे पहले यहां आने को कहा गया था ताकि उन्हें बसों में रेलवे स्टेशन छोड़ा जा सके.“ उन्होंने कहा, “मंजूरी प्राप्त श्रमिकों को फिर ट्रेन में बिठाकर उनके पैतृक स्थानों के लिए रवाना किया जाता. इसी तरह से यह व्यवस्था काम करती है.”

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस से सीआईएसएफ के एक और अधिकारी की मौत

पटेल ने बताया कि चूंकि बृहस्पतिवार को यहां से श्रमिकों को ले जाने वाली एक बस रवाना हुई थी इसलिए एक अफवाह फैल गई कि जो कोई भी घर जाना चाहता है उन्हें यहां पहुंचना होगा. उन्होंने बताया, “इसलिए, करीब 2,000 श्रमिक बस में बैठने और फिर रेल में सवार होने की उम्मीद में सुबह से यहां जमा हो गए.” पटेल ने बताया, “मौके से उन्हें भेजने से पहले, पुलिसकर्मियों ने उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाई और यहां तक कि आवेदन फॉर्म भरने में उनकी मदद भी की.”

घर जाने के लिए परेशान श्रमिकों की ओर से गुजरात में लॉकडाउन की अवहेलना का यह नया मामला है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

अफवाह के बाद 2,000 प्रवासी मजदूर सरकारी दफ्तर के बाहर जमा हुए
प्रवासी मजदूर (Photo Credits: ANI)

अहमदाबाद: लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां गोटा इलाके में एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा.

सुबह से मजदूरों की भीड़ स्पष्ट तौर पर उस अफवाह के कारण शुरू हुई जिसमें प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले जाने वाली एक बस के सरकारी कार्यालय के बाहर पहुंचने की बात थी.

गोटा पुल के पास उपजिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर अचानक लोगों का हुजूम जुटने की खबर होने पर, पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और मजदूरों को वहां से जाने के लिए मनाया. ज्यादातर श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के थे. लॉकडाउन के बीच अपने गृह प्रदेशों को लौटने के इच्छुक प्रवासियों को ऑनलाइन आवेदन देना है. वे ऑफलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं जिसे उन्हें जिलाधिकारी के तहत किसी निर्देशित कार्यालय में जमा कराना होगा.

पुलिस के सहायक आयुक्त एम ए पटेल ने कहा, “उपजिलाधिकारी का यह कार्यालय भी ऐसे आवेदन स्वीकार करता है. जिन प्रवासियों को मंजूरी दी गई है उनसे पहले यहां आने को कहा गया था ताकि उन्हें बसों में रेलवे स्टेशन छोड़ा जा सके.“ उन्होंने कहा, “मंजूरी प्राप्त श्रमिकों को फिर ट्रेन में बिठाकर उनके पैतृक स्थानों के लिए रवाना किया जाता. इसी तरह से यह व्यवस्था काम करती है.”

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस से सीआईएसएफ के एक और अधिकारी की मौत

पटेल ने बताया कि चूंकि बृहस्पतिवार को यहां से श्रमिकों को ले जाने वाली एक बस रवाना हुई थी इसलिए एक अफवाह फैल गई कि जो कोई भी घर जाना चाहता है उन्हें यहां पहुंचना होगा. उन्होंने बताया, “इसलिए, करीब 2,000 श्रमिक बस में बैठने और फिर रेल में सवार होने की उम्मीद में सुबह से यहां जमा हो गए.” पटेल ने बताया, “मौके से उन्हें भेजने से पहले, पुलिसकर्मियों ने उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाई और यहां तक कि आवेदन फॉर्म भरने में उनकी मदद भी की.”

घर जाने के लिए परेशान श्रमिकों की ओर से गुजरात में लॉकडाउन की अवहेलना का यह नया मामला है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

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