शिमला, 10 जुलाई: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बारिश का कहर जारी है जहां बीते दो दिन में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा बारिश के चलते अधिकांश जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है. यह भी पढ़ें: Himachal Rain Alert: आईएमडी ने अगले 24 घंटों के लिए हिमाचल में 'रेड' और 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया
अकेले शिमला जिले में सोमवार को भूस्खलन ने चार और लोगों की जान ले ली. शिमला के ठियोग उपमंडल में सोमवार सुबह एक मकान में भूस्खलन होने से तीन लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि यह घटना पल्लवी गांव में हुई और मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के रूप में हुई है.
शिमला शहर के बाहरी इलाके रझाना गांव में भूस्खलन के बाद मलबे में फंसी एक बुजुर्ग महिला का शव रविवार रात को निकाला गया. इससे कुछ घंटे पहले उसकी पोती का शव घटनास्थल से बरामद हुआ था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण हुई घटनाओं में दो दिन में 16 या 17 लोग मारे जा चुके हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी अलग-अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं. मौसम विभाग ने सोमवार को अत्याधिक बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. इससे एक दिन पहले राज्य में भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ, घरों को नुकसान हुआ और लोगों को जान भी गंवानी पड़ी.
अधिकारियों ने बताया कि यूनेस्को धरोहर स्थल शिमला-कालका रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर पटरियां अवरुद्ध हो गयीं जिसके चलते रेल परिचालन मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राज्यभर में शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
भूस्खलन के बाद सोमवार को शिमला शहर से लगभग 16 किमी दूर शोघी के पास शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया. अधिकारियों ने बताया कि जिले में 120 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 484 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं.
शिमला के पुलिस अधिकारियों ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि पेड़ों के उखड़ने, छत गिरने और संपत्ति को नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक 10 घर और 20 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
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