लखनऊ, आठ मार्च उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के शुक्रवार को 155 नये मामले आने के साथ ही कुल मामलों की संख्या 3,214 हो गयी ।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन में बताया गया कि शुक्रवार शाम तक 155 नये मामले सामने आये। कुल 1387 लोग इस बीमारी से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं जबकि कोरोना वायरस के संक्रमण से 66 लोगों की मौत हुई है । इस प्रकार प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 3,214 मामले हैं ।
बुलेटिन में बताया गया कि प्रदेश में वायरस से संक्रमित 1761 मरीजों का इलाज जारी है। तबलीगी जमात या इससे जुडे संक्रमित लोगों की संख्या 1153 है ।
बुलेटिन के अनुसार, सबसे अधिक 16 लोगों की मौत आगरा में हुई है जबकि मेरठ में दस लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई । मुरादाबाद में सात, कानपुर नगर में छह, मथुरा और फिरोजाबाद में चार—चार, झांसी, अलीगढ़ और गाजियाबाद में दो—दो जबकि गौतम बुद्ध नगर, प्रयागराज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर, कानपुर देहात, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, लखनऊ, वाराणसी और श्रावस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई है।
इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कल 4848 नमूनों की जांच की गई।
प्रसाद ने बताया कि सरकारी और निजी क्षेत्र की लैब मिलाकर अब तक कुल एक लाख 16 हजार 30 जांच किए गये । कल 373 पूल लगाये गये और 1779 सैम्पल की जांच की गयी । इनमें से 18 पूल पॉजिटिव निकले ।
उन्होंने बताया कि सक्रिय संक्रमण के मामलों में एक अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है कि संख्या में लगातार कमी आ रही है । चार मई को सक्रिय संक्रमण के मामलों की संख्या 1939 थी जो पांच मई को 1862 हो गयी । छह मई को 1831, सात मई को 1868 और आज 1821 सक्रिय संक्रमण के मामले हैं ।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस संक्रमण से रिकवरी का राष्ट्रीय प्रतिशत 29 . 35 है जबकि उत्तर प्रदेश का रिकवरी का प्रतिशत इस समय 40 . 09 प्रतिशत चल रहा है । सर्विलांस की कार्रवाई निरंतर चल रही है । कुल 60 हजार 147 टीम ने काम किया है और 50 लाख से अधिक घरों का सर्वेक्षण किया गया। इनमें दो करोड़ 52 लाख 15 हजार 344 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिनमें लक्षण पाये गये, उनकी रिपोर्टिंग की गयी है ।
उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में 1864 लोग हैं जबकि क्वारंटाइन सेंटर में 8722 लोग हैं ।
प्रसाद ने कहा कि ये बीमारी संक्रामक है । इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सावधान रहकर हमें अपना बचाव करना है क्योंकि इस संक्रमण की ना तो कोई वैक्सीन है और ना ही दवा, एकमात्र रास्ता बचाव ही है ।
प्रसाद ने कहा कि बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों, गर्भवती महिला को इस संक्रमण से बचाना है । उनसे दूर रहकर ही बात करें ताकि किसी तरह का संक्रमण ना होने पाये । सरकार कोरोना संक्रमण की जांच और चिकित्सा नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है ।
उन्होंने कहा कि जो प्रवासी श्रमिक एवं कामगार अपने जनपदों को लौट रहे हैं, उनके लिए 21 दिन घर में पृथक-वास की व्यवस्था की गयी है ।
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