History of 13 January: साम्प्रदायिक उन्माद के खिलाफ बापू ने शुरू किया अनशन
महात्मा गांधी की फाइल फोटो (Photo Credits: Getty Images)

नयी दिल्ली, 12 जनवरी:  महात्मा गांधी का नाम न केवल भारतीय जनमानस में बल्कि पूरी दुनिया में स्थायी छाप की तरह मौजूद है. 13 जनवरी की तारीख का गांधीजी से गहरा नाता है. उन्होंने 13 जनवरी, 1948 को विभाजन की त्रासदी से उपजे साम्प्रदायिक उन्माद के खिलाफ कलकत्ता में आमरण अनशन शुरू किया था. इसमें हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें हिंदू और सिख बड़ी तादाद में थे और पाकिस्तान से आए बहुत से शरणार्थी भी इसमें शामिल हुए थे. इसके बाद 18 जनवरी 1948 को सुबह 11.30 बजे विभिन्न संगठनों के 100 से ज्यादा प्रतिनिधि गांधीजी से मिले और शांति के लिए गांधीजी की शर्तें स्वीकार की, जिसके बाद गांधीजी उपवास तोड़ने के लिए राजी हुए.

देश दुनिया के इतिहास में 13 जनवरी की तारीख पर दर्ज कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं: 

1709 : मुग़ल शासक बहादुर शाह प्रथम ने सत्ता संघर्ष में अपने भाई कमबख्श को हैदराबाद में पराजित किया, जिसकी घायल होने के कारण बाद में मौत हो गई.

1818 : उदयपुर के राणा ने मेवाड़ राज्य को संरक्षण प्रदान करने के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ संधि की.

1849 : द्वितीय आंग्ल सिख युद्ध के दौरान जलियांवाला की प्रसिद्ध लड़ाई शुरू हुई.

1889 : असमी युवकों ने अपनी खुद की साहित्यिक पत्रिका ‘जानकी’ शुरू की.

1948 : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए कलकत्ता में आमरण अनशन शुरू किया, जो उनके जीवन का अंतिम अनशन था.

1964 : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हिंदू और मुसलमानों के बीच भयानक सांप्रदायिक दंगे, जिनमें कम से कम 100 लोग मारे गए और 400 से ज़्यादा लोग घायल हुए.

1993 : अमेरिका और उसके सहयोगियों ने दक्षिणी इराक में नो फ़्लाई ज़ोन लागू करने के लिए आज के दिन इराक़ पर हवाई हमले की शुरुआत की.

2006 : ब्रिटेन ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर सैन्य आक्रमण से इनकार किया.

2010 : अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के कारण जर्मनी की अर्थव्यवस्था में साल 2009 के दौरान 5% की गिरावट दर्ज की गई. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से इसे अब तक की सबसे बड़ी गिरावट कहा गया.

2020 - लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को संगीन देशद्रोह का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत को ‘असंवैधानिक’ करार दिया.

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