
नई दिल्ली: बलोचिस्तान की आजादी को लेकर एक बार फिर आवाज तेज हो गई है. बलोच नेता मीर यार बलोच ने बुधवार को साफ शब्दों में कहा, "हम पाकिस्तानी नहीं हैं, हम बलोचिस्तानी हैं." उन्होंने दावा किया कि बलोचिस्तान ने 11 अगस्त 1947 को ही आजादी की घोषणा कर दी थी, जब अंग्रेज भारत छोड़ रहे थे. उनका कहना है कि बलोचिस्तान कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहा.
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मीर यार बलोच ने कहा कि बलोच जनता को दशकों से हवाई बमबारी, जबरन गायब करने और नरसंहार जैसी क्रूरताओं का सामना करना पड़ा है. उन्होंने भारत के मीडिया और यूट्यूब पत्रकारों से बलोचों को ‘पाकिस्तान की अपनी जनता’ कहना बंद करने की अपील की. “पाकिस्तान की असली जनता पंजाबी हैं, जिन पर न तो बमबारी हुई, न जबरन गायब किया गया और न ही उनका नरसंहार हुआ.”
हम पाकिस्तानी नहीं बलोचिस्तानी हैं
Baloch Narrative !!
Dear Indians patriot media, the youtube comrades, the intellectuals fighting to defend Bharat are suggested not to refer to Balochs as "Pakistan's Own People"
We are not Pakistani, we are Balochistani.
Pakistan's own people are the Punjabi who never faced…
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 14, 2025
भारत को बलोचों का समर्थन
पुलवामा जैसे आतंकी हमलों के बाद जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, तब बलोचिस्तान ने भारत का खुलकर समर्थन किया. मीर यार बलोच ने कहा, "डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलोचिस्तान की जनता भारत के साथ खड़ी है. मोदी जी आप अकेले नहीं हैं, आपके साथ 60 मिलियन बलोच देशभक्त हैं." उन्होंने यह भी कहा कि जहां एक ओर चीन पाकिस्तान का साथ दे रहा है, वहीं बलोचिस्तान भारत और भारतीय नेतृत्व के साथ खड़ा है.
बलोच नेता मीर यार बलोच का बड़ा बयान
One renowned journalist asked me.
Question: Is the date of independence of Balochistan be declared when Paki6army leaves Baloch soil?
Me: We have already declared our independence on 11 August 1947 when Britishers were leaving Balochistan, and the subcontinent.
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 14, 2025
पाकिस्तान पर आरोप, दुनिया से न्याय की मांग
बलोचिस्तान लंबे समय से मानवाधिकार उल्लंघनों का शिकार रहा है. यहां पर पाकिस्तानी सेना और कट्टरपंथी संगठनों पर बिना वारंट के गिरफ्तारी, हत्या और गायब करना, शांति से विरोध करने वालों को दबाना जैसे गंभीर आरोप हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इन मुद्दों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है. मीर यार बलोच ने दुनिया से मांग की है कि वह बलोच जनता की आवाज सुने और उनकी आज़ादी को मान्यता दे.