क्या सच में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फाॅर्स ने अपने कर्मचारियों को दिया फोन से तुरंत कुछ ऐप हटाने का आदेश, जानें वायरल हो रहे मैसेज का सच
भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों शहीद हुए हैं. चीन के इस नापाक हरकत के बाद भारत गुस्से में हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की खबरें भी सामने आ रही हैं. यूपी एसटीएफ से जुड़ी एक खबर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है.जिसमें कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक कॉन्फिडेन्सिल लेटर जारी कर अपने सभी कर्मचारियों को चाइनीज ऐप हटाने का आदेश दिया गया है.
नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों शहीद हुए हैं. चीन के इस नापाक हरकत के बाद भारत गुस्से में हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की खबरें भी सामने आ रही हैं. भारत-चीन को लेकर कई तरह की फेक खबरें (Fake News) भी सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में यूपी ( Uttar Pradesh) एसटीएफ (Special Task Force) से जुड़ी एक खबर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है.जिसमें कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक कॉन्फिडेन्सिल लेटर जारी कर अपने सभी कर्मचारियों को कुछ ऐप हटाने का आदेश दिया गया है.
बता दें कि सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल से जुड़ी तस्वीर वायरल कर कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने तुरंत कुछ ऐप को मोबाइल से हटाने और उसका इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही खबर कि जब प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी (PIB) ने जांच की तो यह खबर फेक साबित हुई है. यह भी पढ़ें-Fact Check: सरकारी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को स्थगित करने की तैयारी कर रही है केंद्र सरकार? जानें इस वायरल खबर की सच्चाई
पीआईबी फैक्ट चेक का ट्वीट-
पीआईबी ने फैक्ट चेक में कहा कि यह खबर फेक है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है.
ज्ञात हो कि चीनी एप को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. इसके साथ ही इन्हे भारत में बैन करने की भी आवाज उठती रही है. जिन ऐप को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है उसमें टिक टॉक, जूम ऐप, यूसी ब्राउजर और शेयर चैट जैसे पॉपुलर ऐप्स का समावेश है. हालांकि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से इन ऐप्स बंद करने या फिर इसके इस्तेमाल को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है.
Fact check
यूपी STF ने अपने कर्मचारियों को फोन से तुरंत कुछ ऐप हटाने का आदेश दिया है.
खबर झूठ है, उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. इसके साथ ही फर्जी खबरों से बचे.