US में इमरान खान की डबल बेइज्जती, अमेरिकी सांसदों ने उठाया हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला
इमरान खान और डॉनाल्ड ट्रंप (File Photo)

वाशिंगटन: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अपने पहले अमेरिकी दौरे पर है. लेकिन उनका यह दौरा यादगार होने की बजाय काफी फजीहत भरा साबित हो रहा है. पहले तो अमेरिका पहुंचने पर इमरान खान का किसी देश के प्रधानमंत्री जैसे स्वागत नहीं हुआ वहीं अब अमेरिकी सांसदो द्वारा तीखे सवालों के जरिए उन्हें घेरा भी जा रहा है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की निर्धारित बैठक से पहले अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने एक पत्र लिखकर उनसे देश, विशेष रूप से सिंध प्रांत (Sindh Province) में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे को उठाने के लिए कहा है. साथ ही कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया है. जो कि इमरान खान के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया है.

सांसदों ने पत्र में युवा हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण का मामला उठाया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इनका पहले अपहरण किया जाता है और फिर इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया जाता है. अक्सर, वे दशकों बड़े लोग से शादीशुदा होते हैं. एक स्वतंत्र संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सिंध प्रांत में अकेले 2018 में जबरन धर्मांतरण के लगभग एक हजार मामले सामने आए. हालांकि वास्तविक संख्या निश्चित रूप से इससे अधिक है."

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पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. बीते 17 जुलाई को पाकिस्तान की सिंध असेंबली ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें मांग की गई है कि हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और अपहरण को रोका जाना चाहिए और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अप्रैल में अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हिंदू तथा ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और शादियों की घटनाओं को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि पिछले वर्ष केवल दक्षिणी सिंध प्रांत में ही इस तरह के लगभग 1, 000 मामले सामने आये थे. पिछले कुछ महीनों में सिंध के बादिन, थट्टा, मीरपुर खास, कराची, टांडो मोहम्मद खान, खैरपुर मीर, हैदराबाद और अन्य इलाकों की करीब चालीस हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है और इनमें ज्यादातर नाबालिग लड़कियां हैं.