पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद पेरिस में बवाल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पेरिस के उपनगर नॉन्ते में पुलिस की गोली से एक किशोर की मौत के बाद बवाल मच गया है. गुस्साए लोगों ने काफी उपद्रव किया और एक प्राथमिक स्कूल को आग लगा दी. मंगलवार को ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस की गोली से 17 साल के एक किशोर की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने कचरे के डिब्बों और कारों के साथ एक प्राथमिक स्कूल को भी आग के हवाले कर दिया. नगर प्रशासन का कहना है कि आपातकालीन बलों पर बड़ी मात्रा में पटाखे भी फेंके गए हैं. दंगा करने पर उतारू लोगों ने ऊंची इमारतों वाले इलाकों तक दमकल कर्मचारियों को पहुंचने से रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेड भी खड़े कर दिए.

मंगलवार शाम को नॉन्ते पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन के साथ अशांति शुरू हुई और धीरे धीरे आसपास के इलाकों में फैल गई. भीड़ ने मॉन्त ला जोली टाउनहॉल को भी आग लगा दी. पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया लेकिन इस पर भी भीड़ पीछे हटने को तैयार नहीं थी.

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क्यों भड़की हिंसा

अधिकारियों के मुताबिक अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है. शहर में लोग पुलिस ट्रैफिक स्टॉप पर मंगलवार की सुबह एक किशोर की मौत से नाराज हैं. एक गवाह ने घटना का मोबाइल फोन से लिया वीडियो दिखाया है जिसकी पुष्टि फ्रांस के इंफो चैनल ने की है. इस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को अपनी बंदूक खड़ी कार के ड्राइवर की ओर के दरवाजे की तरफ ताने हुए देखा जा सकता है. अचानक जब ड्राइवर ने गाड़ी बढ़ा दी तो पुलिस अधिकारी ने गोली चला दी. कार थोड़ा आगे जा कर टकराई और रुक गई. कार में दो और लोग सवार थे उनमें से एक भाग गया जबकि दूसरे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया वह भी नाबालिग है. काफी नजदीक से चली गोली कार ड्राइवर को लगी और वह बुरी तरह घायल हुआ.

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक किशोर एक किराये की कार चला रहा था और उसने कई ट्रैफिक नियमों को तोड़ा. इसके बाद जब पुलिस ने चेकिंग के लिए उसे रोका तो उसने भागने की कोशिश की.

फ्रांस इंफो ने खबर दी है कि उस अधिकारी को पुलिस हिरासत में लिया गया है और उस पर नरसंहार का संदेह जताया गया है. फ्रांस के गृह मंत्री जेराल्ड डरमना के मुताबिक पुलिस निगरानी संस्था ने इस घटना की आंतरिक छानबीन शुरू कर दी है.

पेरिस के पुलिस प्रमुख लॉरों नुनेस ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पुलिस अधिकारी की कार्रवाई ने "सवाल उठाए" हालांकि उन्होंने पुलिस के डरने की आशंका भी जताई है.

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

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पुलिस की गोली से हुई मौत ने फ्रांस में पुलिस हिंसा के आरोपों पर लोगों की नाराजगी बढ़ा दी है. वामपंथी राजनेता जां लुग मेलॉशां ने ट्वीट किया है, "फ्रांस में मौत की सजा अब नहीं है. किसी पुलिस अधिकारी को आत्मरक्षा के अलावा और किसी स्थिति में किसी को मारने का हक नहीं है."

मेलॉशां का कहना है कि पुलिस सरकार के अधिकार को बदनाम कर रही है और उसमें जमीनी स्तर से ऊपर तक सुधार करने की जरूरत है.

बहुत से लोग कह रहे हैं कि अगर किसी ने रुकने से इनकार कर दिया तो उसे मार देना बिल्कुल सही नहीं है और पुलिस को इसका कोई अधिकार नहीं है. हालांकि इस घटना पर जिस तरह से अशांति फैली है उसे देखते हुए पुलिस के समर्थन में भी कुछ लोग आए हैं.

रूढ़िवादी नेता एरिच सियोटी ने पुलिस के प्रति अपना समर्थन जताया है. सियोटी ने ट्वीट किया, "नॉन्ते में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जमा हुए हमारे पुलिस अधिकारियों को समर्थन है. रात मुश्किल होगी आप हमारी सामूहिक सुरक्षा के रक्षक हैं. ये जो अव्यवस्था है उसे कभी उचित नहीं कहा जा सकता."

एनआर/एसबी (डीपीए, एएफपी)